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अमेरिका ने भारत को उसके एंटी-कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ढाई करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की

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नई दिल्ली: अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इसी बीच बातचीत के चलते प्रधानमंत्री ने बताया कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मूल्यों के प्रति अमरीका और भारत की गहरी आस्था है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बताया है कि “अमरीका में भारतवंशियों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है। कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत-अमरीका रणनीतिक साझेदारी का आगामी वर्षों में और अधिक महत्व होगा।” साथ ही बैठक के दौरान विदेश मंत्री ब्लिंकन ने राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की ओर से प्रधानमंत्री को शुभकामना संदेश दिया है।

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मालूम हो कि विदेश मंत्री ब्लिंकन ने प्रधानमंत्री को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr. S Jaishankar) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) से हुई अपनी सकारात्मक बातचीत की जानकारी दी थी। दरअसल उन्‍होंने रक्षा, समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश, जलवायु परिवर्तन और विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। श्री ब्लिंकन ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर भारत और अमरीका के बीच बढ़ते तालमेल और दोनों देशों द्वारा इसे ठोस और व्यावहारिक रूप देने की प्रतिबद्धता की सराहना की थी।

भारत के कोविडरोधी टीकाकरण कार्यक्रम

बता दें कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति हैरिस को शुभकामनाएं दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने चार देशों के समूह-क्वाड को मजबूत करने औक साथ ही कोविड महामारी से निपटने और जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रयासों के लिए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सराहना की थी। जबकि अमरीका ने भारत के कोविडरोधी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए और दो करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता देने की घोषणा करी थी। एक ट्वीट में श्री ब्लिंकन ने बताया था कि इससे भारत में टीका आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत कर लोगों का जीवन बचाने में मदद मिलेगी। इससे पहले, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने श्री एंटनी ब्लिंकन से बातचीत की थी।

कोविड महामारी से निपटने के लिए

इसी दौरान डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत और अमरीका के बीच सामयिक दृष्टि से प्रासंगिक सभी क्षेत्रों में व्‍यापक सहयोग का उल्लेख किया है। विदेश मंत्री ने भारत और अमरीका के बीच कोविड महामारी से निपटने में सहयोग के बारे में भी जानकारी दी थी। उन्‍होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि तथा अफगानिस्‍तान में लोकतांत्रिक स्थिरता के लिए प्रयास करने सहित अऩ्य मुद्दों के लिए मिलकर काम करने पर बल दिया था। अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि राष्‍ट्रपति जो बाइडेन अमरीका और भारत के बीच संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसके बाद डॉक्‍टर जयशंकर ने बातचीत के दौरान बताया कि अमरीकी विदेश मंत्री के साथ बैठक ऐसे महत्‍वपूर्ण समय में हुई है जब वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने की आवश्‍यकता है। डॉक्‍टर जयशंकर ने भारत में कोविडरोधी टीके के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के वास्ते अमरीकी प्रशासन की सराहना की थी। उन्‍होंने कोविड की दूसरी लहर के दौरान अमरीका की ओर से भारत को दी गई सहायता के लिए आभार भी व्‍यक्‍त किया। क्वाड समूह की चीन की आलोचना के बारे में मीडिया के प्रश्न का उत्तर देते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि देशों के समूहों का मिलकर काम करना सामान्‍य बात है और ब्रिक्स इसका एक उदाहरण ही है।

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