देश में ओमिक्रोन का खतरा लगातार बढ़ रहा है। देश में ओमिक्रोन के 200 केस हो चुके हैं और राजधानी दिल्ली में 54 केस सामने आ चुके हैं। आने वाले महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर होने वाली रैलियों को देखते हुए एक्सपर्ट ने सरकार को कोरोना के इस वेरिएंट को लेकर चेताया है। मशहूर वायरोलोजिस्ट भी ऐसी ही चिंता जता रहे हैं।
शाहिद जमील इन दिनों अपने एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में UK शिफ्ट हो गए हैं। इससे पहले वे भारत सरकार में कोरोना वायरस के वेरिएंट्स का जीनोम स्ट्रक्चर जानने के लिए बनाई गई फोरम (सिवियर एक्यूट रिसपाइरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस-2 जीनोमिक्स कन्सोर्सिया) के वैज्ञानिक सलाहकार थे।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान उन्होंने एक आर्टिकल लिखा था। इस पर उन्होंने भारत सरकार के कोरोना से निपटने की स्ट्रैटजी पर सवाल उठाया था। दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, शाहिद जमील से जब पूछा गया कि ओमिक्रोन के लिए बूस्टर डोज कितना जरूरी है तो उन्होंने कहा कि अब तक का जो डेटा है, उससे यह पता चलता है कि ओमिक्रोन का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। हालांकि, इसके लक्षण बहुत माइल्ड हैं। अब इंडिया को यह डिसाइड करना होगा कि उसे इन्फेक्शन से प्रोटेक्शन चाहिए या डिसीज से।
शाहिद जमील का कहना है कि कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज इन्फेक्शन रोकने के लिए जरूरी है, लेकिन सवाल उठता है कि बूस्टर डोज कब देंगे? उन्होंने कहा कि भारत में सबसे पहले सभी आबादी को दोनों डोज देने की जरूरत है। अब तक तकरीबन 38% आबादी को वैक्सीन दिया जा चुका है और वैक्सीन की रफ्तार तेज करने की जरूरत है।
शाहिद जमील के अनुसार, इस बीच बूस्टर डोज के लिए पॉलिसी जरूर बनानी चाहिए। जैसे कि अगर हम बूस्टर डोज देंगे तो उसके लिए वैक्सीन की व्यवस्था कहां से करेंगे? कौन सी वैक्सीन का इस्तेमाल बूस्टर डोज के लिए करेंगे? सेकेंड वैक्सीनेशन के कितने दिन बाद बूस्टर डोज देंगे? बिना पॉलिसी इतनी बड़ी आबादी पर बूस्टर डोज अप्लाई करना मुमकिन नहीं है।
उनका कहना है कि जिन लोगों ने कोवीशील्ड की 2 डोज ले ली है उन्हें कोवैक्सीन की बूस्टर दी जानी चाहिए और जिन्होंने कोवैक्सीन की दो डोज ली है उन्होंने कोवीशील्ड की बूस्टर डोज दी जानी चाहिए। जिस प्रकार ओमिक्रोन का खतरा बढ़ रहा है ऐसे में एक्सपर्ट बूस्टर डोज की बात कर रहे हैं।
बूस्टर डोज को लेकर शाहिद जमील का कहना है कि कोवीशील्ड वायरल वैक्टर वैक्सीन है। इसमें बैकग्राउंड में बहुत सारे ऐसे प्रोटीन हैं जो दूसरे वायरस से इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। अगर इसकी दूसरी, तीसरी, चौथी वैक्सीन देते रहेंगे तो यह बेअसर हो जाएगी। इसलिए बूस्टर डोज में वैक्सीन को बदलकर देना बेहतर हो सकता है।
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