CDS बिपिन रावत की मौत ‘साजिश, हैकिंग या दुर्घटना?’
बुधवार को CDS बिपिन रावत की असमय और आकस्मिक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल ऐसे कि कहीं ये मौत किसी साजिश के तहत तो नहीं हुई। या फिर हेलिकॉप्टर में वाकई में कोई तकनीकी खराबी आई थी।
कई रक्षा जानकारों का मानना है कि ये दुर्घटना जरूर ही किसी साजिश की वजह से हुई है। पुर्व बिग्रेडियर सुधीर सावंत ने इस घटना पर आशंका जताते हुए कहा कि सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर सभी एडवांस सुविधाओं से लैस था। इतने एडवांस हेलिकॉप्टर का क्रैश होना काफी चौंकाने वाली बात है।
सावंत ने आगे कहते हैं कि इस घटना की जांच एनआईए से कराई जानी चाहिए ताकि सच सबके सामने आ सके।
LTTE से प्रभावित हो सकता है क्रैश
पुर्व बिग्रेडियर सावंत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या भी तामिलनाडु के इलाके में हुई थी। ये इलाका लिबिरेशन टाईगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी कि LTTE से प्रभावित है। यहां आज भी इनके स्लीपर सेल एक्टिव हैं।
फिलहाल दुर्घटनास्थल से हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिला है जिसकी जांच की जाएगी। ब्लैक बॉक्स के मिलने के बाद ही घटना के कारण का अनुमान लगाया जा सकता है। ब्लैक बॉक्स में हेलिकॉप्टर से जुड़ी सारी जानकारी कैद रहती है जैसे घटना के वक्त हेलिकॉप्टर के इंजन की रीडिंग, कम्पास डेटा या एल्टीट्यूट का सारा डेटा स्टोर रहता है।
सोशल मीडिया पर लोग हैकिंग के जरिए हेलिकॉप्टर क्रैश की कर हैं बात
सीडीएस बिपिन रावत की दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कई तरह के अनुमान लगाने शुरू कर दिए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ये घटना हैकिंग की वजह से हुई है। हालांकि ऐसी अटकलों को लेकर किसी रक्षा जानकारों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं।
लेकिन ऐसा नही है कि हैकिंग के जरिए ऐसी घटना नही हो सकती है।
मनीला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर साल 2016 में जीपीएस में छेड़छाड की 50 से अधिक रिपोर्टें थीं। ये रिपोर्ट “मिस्ड एप्रोच” को दर्शाती है जिससे फ्लाइट क्रू को बैकअप नेविगेशन सिस्टम का उपयोग करके रनवे पर फिर से पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
हैकिंग की ऐसी कई घटनाएं हैं जिसकी वजह से कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने साल 2017 में बोइंग 757 एयरक्राफ्ट को जानबूझ कर हैक करवाया था और ऐसा हुआ भी था। दरअसल वे ये देखना चाहते थे कि एयरक्राफ्ट को हैक किया जा सकता है या नही।
2020 में ताइवान के आर्मी चीफ जनरल शेन यी मिंग और 7 लोग हेलिकॉप्टर क्रैश मारे गए थे। आर्मी चीफ का ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर हेलिकॉप्टर भी पहाड़ी इलाके में ही क्रैश हुआ था। इसके बाद वहां के कई रिपोर्टों में कहा गया कि ये घटना हैकिंग के जरिए अंजाम दी गई थी।
अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स भी लगातार कह रहे हैं कि साइबर अटैक कर हेलिकॉप्टर/एयरक्राफ्ट पर हैकर्स पूरा कंट्रोल कर सकते हैं।