मध्य प्रदेश में अब श्रीराम के बारे में पढ़ेगे BA के विद्यार्थी, ‘रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन’ वैकल्पिक तौर पर शामिल
म.प। राज्य के डिग्री कॉलेजों में अब विद्यार्थी भगवान श्री राम के बारे में पढ़ेंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने BA फर्स्ट ईयर के दर्शन शास्त्र विषय में ‘रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन’ नाम से एक सिलेबस तैयार किया है। यह पेपर 100 अंकों का होगा। और विद्यार्थी इसे वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ सकेंगे।
इस विषय को हिंदी और दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर पढ़ाएंगे। मतलब जहाँ सिर्फ हिंदी के प्रोफेसर हैं, वहाँ वे दर्शन शास्त्र भी पढ़ाएंगे। यह इसी साल यानी 2021-2022 के सत्र से ही सिलेबस में शामिल हो जाएगा।
विषय को पढ़ाने के तीन उद्देश्य
- रामचरितमानस को पाठ्यक्रमों में विषय के रूप में शामिल करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकें और जीवन के विभिन्न आयामों पर केंद्रित होकर संतुलित नेतृत्व की क्षमता और मानवतावादी दृष्टिकोण को विकसित कर सकें, साथ ही ये गुण दूसरों में भी पैदा कर सकें।
- छात्रों का परिचय जीवन के उन मूल्यों से हो सके, जिसकी आज समाज में आवश्यकता है।
- इसके अलावा छात्र तनाव प्रबंधन (Stress) और व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में एक प्रेरक और कुशल वक्ता बन सके।
नई शिक्षा नीति 2020 में यह भी तय
नई शिक्षा नीति 2020 में प्रदेश के उच्च विद्यालयों में बीए फर्स्ट ईयर में शामिल नए सिलेबस के अंतर्गत महाभारत, रामचरितमानस, योग और ध्यान के बारे में पढ़ाया जाएगा। श्री रामचरितमानस अप्लाइड फिलॉसफी को वैकल्पिक विषय के रूप में रखा गया है। इसे पढ़ना अनिवार्य नहीं है।
अंग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में ओम, ध्यान और मंत्रों के पाठ शामिल
वहीं अंग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में फर्स्ट ईयर के छात्रों को भी सी राजगोपालचारी की महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। अंग्रेजी और हिंदी के अलावा, योग और ध्यान को भी तीसरे फाउंडेशन कोर्स के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें ओम, ध्यान और मंत्रों के पाठ शामिल है।