बाल दिवस के पहले बच्चों को आयुष मंत्रालय का तोहफा, वितरित की जाएगी ‘बाल रक्षा किट’
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ चुकी है और यह सबसे अधिक बच्चों को प्रभावित कर रही है। बच्चों पर मंडराते खतरे को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) ने 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए एक स्वास्थ्य किट विकसित की है। यह किट बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करेगी।
औषधीय गुणों से भरा है सिरप
आयुष मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि ‘इस किट में तुलसी, गिलोय, दालचीनी, मुलेठी और सूखे अंगूर से बना एक सिरप है। इस काढ़े में अद्भुत औषधीय गुण हैं। साथ ही इसमें अणु तेल, सितोपलादि और च्यवनप्राश भी है।
10 हजार बाल रक्षा किट और पांच हजार बच्चों को सुवर्णप्राश
2 नवंबर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के मौके पर आयुष मंत्रालय की एआईआईए बच्चों में 10 हजार बाल रक्षा किट और पांच हजार बच्चों को सुवर्णप्राश (स्वर्ण प्राश) बांटेगी।
संस्थान की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी के अनुसार किट के वितरण के लिए दिल्ली के स्कूलों से संपर्क कर लिया गया है। यह बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ उनके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायता करती है। उन्होंने आगे कहा कि ‘अक्सर काढ़ा पीने में बच्चे ना-नुकुर करते हैं, इसलिए हमने औषधीय गुणों से युक्त सिरप बनाई है।‘
आईएमपीसीएल, उत्तराखंड में बन रही किट
अधिकारियों ने कहा कि ‘इस किट का निर्माण आयुष मंत्रालय के सख्त दिशानिर्देशों का पालन करते हुए किया गया है और इसका उत्पादन भारत सरकार की इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्यूटिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) की उत्तराखंड स्थित प्लांट में किया जा रहा है।
बच्चों के लिए अभी कोई कोरोना टीका मौजूद नहीं
आयुष मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अभी फिलहाल देश में बच्चों के लिए कोरोना वायरस को रोकने वाली किसी प्रकार की वैक्सीन मौजूद नहीं है, इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह किट बनाई गई है।
गौरतलब है कि एआईआईए ने ‘स्वास्थ्य रक्षा किट’, ‘आरोग्य रक्षा किट’ और ‘आयु रक्षा किट’ भी विकसित की हैं, जो काफी लोकप्रिय हैं।