मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी ज्ञानवापी एएसआई की रिपोर्ट पर संदेह जताया है। AISI की रिपोर्ट के अनुसार हिंदू मंदिरों पर मुहर लगा दी गई है। यह रिपोर्ट (ASI report on Gyanvapi) बताती है कि वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर था। मुस्लिम पक्ष ने अब इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस बारे में मस्जिद संरक्षक (ASI report on Gyanvapi)अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद (AIM) ने बयान दिया है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों में इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है।
जानकारी के मुताबिक बता दें कि मस्जिद के संरक्षक अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद (एआईएम) ने कहा कि एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर के भीतर मलबे के ढेर में पाए गए मूर्तियों के टुकड़े मूर्तिकारों ने वहां फेंके होंगे, जो इसे ध्वस्त करने से पहले एक इमारत में किराए पर लिया था।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने भी इस दावा को बेकार बताया है। उनका कहना है कि ज्ञानवापी पर एएसआई की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रत्येक मूर्ति और कलाकृति की आयु, युग, व्यास और सभी संबंधित जानकारी भी बताती है जो मलबे से बरामद हुई हैं। AIIM ने कहा कि वह इस रिपोर्ट को देखने के लिए कानूनी विशेषज्ञों को शामिल करेगा। उसके वकील ने इसकी जांच पूरी होने के बाद ही प्रतिक्रिया देने की घोषणा की है।
बता दें कि ज्ञानवापी पर लंबे समय से बहस चल रही है। मामला न्यायालय में है। हिंदू पक्ष का कहना है कि एक मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। पिछले साल वाराणसी की अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था, जिसकी रिपोर्ट अब सामने आई है। 2022 में पांच हिंदू महिलाओं ने न्यायालय में पूजा करने की अनुमति मांगी थी।
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