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Kalyan Singh: राज्‍यपाल के रूप में कल्याण सिंह ने तोड़ा था इतने साल का रिकॉर्ड, जानिए इनकी ये खास बातें

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लखनऊ। भाजपा के दिग्गज नेताओं में से एक और यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का निधन हो गया है। शनिवार शाम को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। बता दें कि कल्याण सिंह का शनिवार रात करीब सवा नौ बजे लखनऊ में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह 89 साल के थे। सीएम कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को नरौरा में गंगा घाट पर किया जाएगा।

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कल्याण सिंह के निधन के बाद से उनसे जुड़े तमाम किस्से इस समय चर्चा में है। अपने दिग्गज नेता को खोने का गम सबको है। पीएम मोदी, सीएम योगी समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है और उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। साथ ही उन्होंने प्रदेश में 23 अगस्त को एक दिन के सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की है।

बता दें कि बीजेपी के कद्दावर नेता रहे कल्याण सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल रहते 52 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था जो इस वक्त सुर्खियों में है।

 दरअसल, राजस्थान के इतिहास में 52 साल में कोई भी राज्यपाल अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया था, लेकिन कल्याण सिंह ने 2 सितंबर 2019 को ये रिकॉर्ड तोड़ डाला था।

इतना ही नहीं, यूपी के पूर्व सीएम ने बतौर राज्यपाल न सिर्फ पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था बल्कि 1967 के बाद ये उनका पहला मौका था, जब किसी राज्यपाल ने अपना कार्यकाल को पूरा किया था। वहीं इससे पहले 1967 में सम्पूर्णानंद ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था।

52 साल में बने 40 राज्‍यपाल

बता दें कि राजस्‍थान में पिछले 52 साल में 40 राज्यपाल की नियुक्ति हुई, लेकिन कोई भी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। वहीं इस बीच कुछ ने इस्तीफा दे दिया, तो कुछ की कार्यकाल के बीच में ही पद पर नियुक्ति हुई। केंद्र की सरकार बदलने के साथ ही कई राज्‍यपाल अचानक बदल गए। हालांकि, चार राज्यपालों का पद पर रहते निधन हो गया। इसके अलावा 40 राज्यपालों में से 17 ऐसे थे, जो दूसरे प्रदेश के राज्यपाल थे और उन्हें कुछ समय के लिए राजस्थान का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

कल्याण सिंह ने बदली ये परंपरा

वहीं, राजस्थान के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करते ही कल्याण सिंह ने पहले ही दिन प्रेस वार्ता की और राज्यपाल को ‘महामहिम’ की जगह ‘माननीय’ संबोधित करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा था कि महामहिम शब्द में औपनिवेशिक बू आती है। हम स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं। ऐसे में राज्यपाल के लिए महामहिम के बजाए माननीय या फिर दूसरा सम्मानजनक शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है।

जानिए कैसे कल्‍याण सिंह ने तोड़ा रिकॉर्ड

कल्याण सिंह समेत 23 राज्यपालों की पूरे 5 साल के लिए नियुक्ति की गई, लेकिन सिर्फ उनको छोड़कर कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। हालांकि बलिराम भगत 4 साल 10 महीने, अंशुमान सिंह 4 साल 8 महीने, जोगेंद्र सिंह 4 साल 7 महीने और रघुकुल तिलक 4 साल 3 महीने तक के सर्वाधिक कार्यकाल तक इस पद पर रहे। वहीं सिर्फ तीन लोगों ने अपना कार्यकाल को पूरा किया। इनमें 30 मार्च 1949 से 31 अक्टूबर 1956 तक राज प्रमुख के रूप में सवाई मानसिंह, इसके बाद 1 नवंबर 1956 से 15 अप्रैल 1962 तक गुरुमुख निहाल सिंह और 1962 से 1967 तक डॉ. सम्पूर्णानंद ने पूरे 5 साल के लिए राज्यपाल रहे।

वैसे कल्‍याण सिंह दो अलग-अलग पार्टियों की सरकारों में राज्यपाल रहे। जब वह 2014 में राज्यपाल बनकर आए तब राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार थी। वहीं, जब 2 सितंबर 2019 को उनका कार्यकाल पूरा हुआ तब कांग्रेस की सरकार थी। यही नहीं, सीएम अशोक गहलोत 8 महीने का कार्यकाल पूरा कर चुके थे।

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