मनीलॉन्ड्रिंग केस में अनिल देशमुख चौथी बार ED के सामने नहीं हुए पेश, उठाए जांच पर सवाल

मुंबई। एक बार फिर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख चौथी बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी किए गए समन पर पेश नहीं हुए। यह अनिल देशमुख को चौथा समन था। इससे पहले देशमुख इस मामले में पूछताछ के लिए संघीय जांच एजेंसी के कम से कम तीन समन पर पेश नहीं हुए थे। मामले में पूछताछ के लिए उनके बेटे और पत्नी को भी बुलाया गया था लेकिन वे भी पेश नहीं हुए।
जानिए क्या है पूरा मामला
बावजूद इसके, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता ने सोमवार को ईडी जांचकर्ताओं को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें यह दावा किया कि एजेंसी की जांच ‘न तो न्याय संगत थी और न ही निष्पक्ष.’
बता दें कि राकांपा के 72 वर्षीय नेता और उनके बेटे हृषिकेश देशमुख को दो अगस्त को ईडी के दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।
वहीं अनिल देशमुख ने हाल ही में एक वीडियो बयान जारी कर कहा था कि वह अपनी याचिका पर उच्च अदालत के फैसले के ‘बाद’ ईडी के समक्ष पेश होंगे।
समन महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट के संबंध में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज आपराधिक मामले में जारी किए गए थे, जिसके कारण अप्रैल में देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एजेंसी ने पिछले महीने देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित परिसरों के साथ ही उनके सहयोगियों और अन्य परिसरों पर छापेमारी की थी। बाद में इसने इस मामले में उनके दो सहयोगियों, निजी सचिव संजीव पलांडे (51) और निजी सहायक कुंदन शिंदे (45) को गिरफ्तार किया था।