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कश्मीरी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठक में 370 पर नहीं हुई कोई चर्चा, महबूबा ने कहा पाकिस्तान से हो बात

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नई दिल्ली: गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू, कश्मीर के 14 नेताओं के साथ हुई सर्वदलीय बैठक ख़त्म हो गई है। बैठक लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली।

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देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों के साथ जम्मू-कश्मीर के गुपकार गठबंधन के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, उमर अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ़्ती और ग़ुलाम नबी आज़ाद भी इस बैठक का हिस्सा बने।

पाकिस्तान से बात क्यों नहीं?महबूबा मुफ़्ती

बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने एक बार फिर से पाकिस्तान को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बात की जानी चाहिए। हालांकि बातचीत क्यों हो इसके लिए उन्होंने तर्क भी दिया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि 370 को एक बार फिर से बहाल करने के लिए ये संघर्ष जारी रहेगा।

उन्होंने कहा, “5 अगस्त 2019 को असंवैधानिक तरीक़े से 370 को हटाया गया था, जोकि वहां के लोगों को मंज़ूर नहीं है। हम प्रजातांत्रिक, संवैधानिक तरीक़े से 370 की बहाली की लड़ाई लड़ेंगे। ये दर्जा हमें पाकिस्तान से नहीं मिला था।

इसके अलावा हमने प्रधानमंत्री से ये भी कहा कि आप चीन के साथ बात कर रहे हैं जहां लोगों की कोई भागीदारी नहीं है। अगर जम्मू कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान से बात करने में सुकून मिलता है तो आपको पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। क्योंकि हमारा व्यापार बंद है। कम से कम उसे लेकर तो बात की जानी चाहिए।

महबूबा ने कहा, “लोगों पर यूएपीए लागू किया जाता है, सख्ती की जाती है उसे बंद किया जाना चाहिए। जेलों में जो राजनीतिक कैदी बंद हैं उन्हें भी रिहा किया जाना चाहिए। हमारे प्राकृतिक संसाधनों की हिफाजत की नहीं हो रही है, जोकि की जानी चाहिए। जम्मू कश्मीर के लोग बहुत परेशान हैं। वो अगर ज़ोर से सांस ले लें तो भी उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। ये बंद किया जाना चाहिए।”

इसके अलावा उन्होंने व्यापारी, पर्यटन, हॉर्टिकल्चर के लोगों को पैकेज दिए जाने की भी बात की।

370 मामले पर महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “भारतीय सरकार ने 370 को असंवैधानिक तरीक़े से हटाया है। उसे संवैधानिक तरीक़े से बहाल किया जाना चाहिए।”

उमर अब्दुल्लाह ने क्या कहा?

वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के ख़िलाफ़ वो अदालत में अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कश्मीर के लोगों के साथ विश्वास को फिर से कायम करने के लिए ये क़दम उठाने को कहा है।

इसके अलावा बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने भी 370 पर बयान दिया। उन्होंने कहा, “5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कदम को हम नहीं मानते, हम इसे स्वीकार नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट में ये मामला आ जाए तो हम संपूर्ण राज्य को लेकर अपनी बात कोर्ट के समक्ष रखेंगे।”

“370 पर नहीं हुई कोई चर्चा”

बैठक के बाद सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुज़फ़्फ़र बेग ने कहा, “बैठक में सरकार ने आर्थिक विकास को लेकर बात की। अनुच्छेद 370 पर लोगों ने शिकायत तो की लेकिन क्योंकि यह मामला कोर्ट में है इसलिए इस पर कोई चर्चा नहीं की गई।”

 

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