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MNS कार्यकर्ताओं ने मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर गुजराती साइनबोर्ड हटाए, मराठी बोर्ड लगाने की दी चेतावनी

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  • MNS ने गुजराती साइनबोर्ड हटाए
  • मराठी साइनबोर्ड लगाने की चेतावनी
  • स्थानीय मराठी समुदाय का विरोध
  • MNS का आक्रामक रुख
  • BMC चुनाव से जुड़ी रणनीति

Marathi vs Gujarati : महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर गुजराती साइनबोर्ड हटा दिए हैं. उन्होंने मराठी साइनबोर्ड लगाने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि होटल के मालिकों ने बात नहीं मानी तो कार्रवाई जारी रहेगी.

महाराष्ट्र में भाषा विवाद एक बार फिर चर्चा में है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर स्थित होटलों और ढाबों से गुजराती भाषा के साइनबोर्ड हटाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मांग की है कि महाराष्ट्र में सभी साइनबोर्ड मराठी भाषा में लगाए जाएं. पालघर जिला अध्यक्ष अविनाश जाधव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने यह कार्रवाई की और चेतावनी दी कि यदि गुजराती साइनबोर्ड नहीं हटाए गए, तो ऐसी कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी.

मराठी साइनबोर्ड लगाने की चेतावनी

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे के किनारे कई ढाबों और होटलों पर गुजराती भाषा के साइनबोर्ड लगे हुए थे, जिनका स्थानीय मराठी समुदाय लंबे समय से विरोध कर रहा था. इस मुद्दे को उठाते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने आक्रामक रुख अपनाया और कई स्थानों से गुजराती साइनबोर्ड हटा दिए. कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए कि वे स्वयं गुजराती बोर्ड हटाकर मराठी भाषा के बोर्ड लगाएं, अन्यथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भविष्य में भी साइनबोर्ड हटाने की कार्रवाई करेगा.

मराठी भाषा में साइनबोर्ड होना अनिवार्य : MNS

वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का कहना है कि महाराष्ट्र में सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर मराठी भाषा में साइनबोर्ड होना अनिवार्य है. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भाषा को लेकर आक्रामक रवैया अपनाया हो. इससे पहले भी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हिंदी भाषी समुदाय के खिलाफ कठोर रूख अपनाया था. पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा हिंदी भाषीयों के साथ मारपीट की घटनाएं भी सामने आई हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि राज ठाकरे की पार्टी यह सब आगामी BMC चुनावों में खुद को बनाए रखने के लिए कर रही है. पिछले कुछ चुनावों से MNS का प्रदर्शन काफी खराब रहा है.

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