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Covid Vaccination: 6-12 साल के बच्चों को  Covaxin लगाने की मिली मंजूरी

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देश में एकबार फिर नए वैरिएंट के साथ कोरोना धीरे-धीरे हावी होता दिखाई दे रहा है। लेकिन देशभर में बड़े पायदान पर वैक्सीनेशन लगाने का काम जोरों से जल रहा है, हालाकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सिन अबतक नहीं बन पाई थी, जिसके कारण छोटे बच्चों में कोरोना महामारी फैलने का खतरा ज्यादा रहता था। हालाकि DCGI ( Drug Controller General Of India ) ने 6 से 12 साल के उम्र के बच्चों को Covaxin लगाने की मंजूरी अब दे दी हैं।

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XE वेरिएंट बच्चों के लिए खतरनाक है या नहीं?

विश्वभर में कोरोना महामारी के कारण करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। अपने देश में भी कोरोना महामारी ने भयंकर प्रकोप डाला था, जिसके कारण भारत में भी लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। देश में एकबार फिर से XE वेरिएंट नाम का एक और कोरोना वायरस धीरे-धीरे देश में संक्रमण की रफ्तार पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वेरिएं ने अबतक सबसे ज्यादा बच्चों को अपनी चपेट में लिया है, जिसको देखते हुए सभी पेरेंट्स बहुत ज्यादा घबराएं हुए है। मार्च में 13 से 18 साल के बच्चों को वैक्सिन लगाने की मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन अभी भी एक बड़ा ग्रुप बच्चों का वैक्सीनेशन से दूर था।

हालाकि अब देश की DCGI ( Drug Controller General Of India ) ने 6 से 12 साल के उम्र के बच्चों को भी Covaxin  लगाने की मंजूरी दे दी है। जिसे देखते हुए अब छोटे बच्चों के माता-पिता ने राहत की सांस ली हैं। इससे पहले आई हुई तमाम कोरोना की लहरों में कोरोना महामारी का बच्चों पर कोई खास असर नहीं हुआ था। लेकिन इस बार दो सालों से बंद पड़े स्कूल खुलने के बाद से बच्चों के लिए कोरोना महामारी मुसिबत के रुप में साबीत होती हुई दिखाई दे रही है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की क्या हैं राय?

डॉक्टरों की माने तो यह XE वेरिएंट की पिछले तीन हफ्तों कि रिपोर्ट बच्चों के ऊपर देखी जाए तो बच्चों में फ्लू जैसे लक्षणों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। अगर किसी बच्चों को कोरोना होता है तो माता-पिता को ज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं है अगर बच्चों में कोरोना के लक्षण काफी माइल्ड पाए जा रहे है। समय पर इन लक्षणों की पहचान कर इलाज करवाने से बच्चे जल्दी ठीक भी हो रहे हैं।

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