
चांद पर ले जाने के लिए तैयार NASA अब अपने विशाल न्यू मून रॉकेट को पहली उड़ान के लिए तैयार कर रही है। स्पेस लॉन्च सिस्टम के नाम से विख्यात इस रॉकेट की लॉन्चिग के लिए 29 अगस्त की तारीख तय की गई है। नासा के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि कुछ महीने बाद ही चंद्रमा की सतह पर इंसान के कदम रखने की 50वीं वर्षगांठ मनाई जाने वाली है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह एक टेस्ट राइड है , जिसमें कोई मनुष्य नहीं होगा। लेकिन, आगे छोड़े जाने वाले मिशन में अंतरिक्ष यात्री वापस 50 वर्षों बाद चांद की सतह पर कदम रखने वाले हैं। नासा अपने नए आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत चंद्रमा पर वापस मानव को भेजने के लिए तैयार हो रहा है।
स्पेस लॉन्च सिस्टम यानी SLS करीब 100 मीटर ऊंचा है। इस विशाल रॉकेट को लॉन्चिंग पैड तक लाने के लिए प्रयोग किया जा रहा वाहन महज एक किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से अपनी दूरी तय कर रहा है। इतना ही नहीं नासा ने कहा है कि इस मिशन के माध्यम से वे पहली महिला को चांद पर उतारेंगे।
नासा के साथ इस मिशन में यूरोप के दस से अधिक देश भी शामिल हैं। यूरोप नासा के इस मिशन में रॉकेट के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर कार्य कर रहा है, जो रॉकेट को ऊपर धकेलने में मदद करेगा। BBC को बताया कि यूरोप के 10 से अधिक देश इस यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ काम कर रहे हैं। यूरोप की स्पेस एजेंसी जिस मॉड्यूल पर काम कर रही है। वहीं रॉकेट को चांद तक पहुंचने में मदद करेगा।