पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट के रूप में काम करने वाले एक व्यक्ति लाल मोहम्मद की 19 सितंबर को नेपाल के काठमांडू में उसके ठिकाने के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इंटेल एजेंसियों ने बताया कि वह भारत में ISI के नकली नोटों का सबसे बड़ा सप्लायर था।
यह घटना कैमरे में कैद हो गई और सीसीटीवी फुटेज में अज्ञात हमलावरों ने आईएसआई एजेंट को गोली मार दी।
आईएसआई एजेंट की पहचान लाल मोहम्मद (55) उर्फ मोहम्मद दारजी के रूप में हुई है। आईएसआई के कहने पर लाल मोहम्मद पाकिस्तान और बांग्लादेश से नेपाल में नकली भारतीय करेंसी लाता था और फिर वहां से भारत को सप्लाई करता था।
अधिकारियों के मुताबिक, लाल मोहम्मद ने आईएसआई को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट में भी मदद की और अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के डी-गैंग से उसके संबंध थे। उसने अन्य आईएसआई एजेंटों को भी शरण दी।
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि कैसे लाल मोहम्मद काठमांडू के गोथार इलाके में अपने घर के बाहर लग्जरी कार से नीचे उतरा। कुछ देर बाद दो हमलावरों ने उस पर फायरिंग कर दी। लाल मोहम्मद ने अपनी कार के पीछे छिपने की कोशिश की लेकिन हमलावरों ने फायरिंग जारी रखी।
सीसीटीवी से यह भी पता चलता है कि कैसे लाल मोहम्मद की बेटी अपने पिता को बचाने के लिए घर की पहली मंजिल से कूद गई। हालांकि, जब तक वह अपने पिता के पास पहुंची, तब तक हमलावरों ने मोहम्मद की हत्या कर दी थी और भागने में सफल रहे थे।