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कैसे 20 साल छोटी साधना गुप्ता ‘लकी चार्म’ साबित हुईं मुलायम के लिए?

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मुलायम सिंह ने 2003 में साधना को आधिकारिक तौर पर अपनी पत्नी का दर्जा दिया था। कहते है मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए थे।

साधना गुप्ता
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समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज 82 साल की उम्र में निधन हो गया। यूपी की खास बात यह है कि जिस अस्पताल में मुलायम सिंह ने अंतिम सांस ली, उसी अस्पताल में आज से ठीक 93 दिन पहले मुलायम की पत्नी साधना गुप्ता ने भी अपनी आखिरी सांस ली थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रतीक यादव की मां साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी है।

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राजनीति में मुलायम सिंह यादव का एक खास स्थान रहा है। वो राजनीति के बहुत मंझे हुए खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। मुलायम भले ही भारतीय राजनीति में अपना एक अलग ही दबदबा रखते हों, मगर आज हम उनका एक अगल ही पहलू आपको बताने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राजनीति से हटके मुलायम के दूसरे प्यार और लव स्टोरी की… पर इससे पहले ये बता दें मुलायम सिंह ने 2003 में साधना को आधिकारिक तौर पर अपनी पत्नी का दर्जा दिया था। 

आइए जानते हैं कि मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता की मुलाकात कैसे हुई थी और कैसे वो अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना को दिल दे बैठे थे?

कैसे हुई थी मुलायम और साधना गुप्ता की मुलाकात?

साधाना की पहली शादी 4 जूलाई साल 1986 को फर्रुखाबाद के व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। इसके एक साल बाद 7 जुलाई साल 1987 को उन्होंने बेटे प्रतीक यादव को जन्म दिया। प्रतीक के जन्म के करीब दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए। दोनों का तलाक हो गया। 

अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के रिश्ते का भी जिक्र है। कहा जाता है कि मुलायम सिंह साधना से अपनी मां की वजह से करीब आए। दरअसल औरैया के विधूना कस्बा निवासी साधना गुप्ता एक अस्पताल में नर्स थीं। उसी अस्पताल में मुलायम की मां मूर्ति देवी भर्ती थीं। तब साधना गुप्ता मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं।

एक बार सैफई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, उस वक्त साधना ने ही नर्स को रोका था। दरअसल, वो भी नर्स रही थीं। उन्होंने नर्सिंग का कोर्स करने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया था। जब ये बात मुलायम को मालूम हुई तो वह साधना गुप्ता से काफी प्रभावित हुए। अस्पताल में ही दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। 

दोनों एक दूसरे के प्यार में डूब गए इसके बाद मालती देवी की मृत्यु के बाद मुलायम सिंह यादव ने दुनिया की परवाह किए बगैर साधना गुप्ता को अपना लिया।

राजनीति में सक्रिय रही थीं साधना

साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी की राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं। हालांकि, मुलायम सिंह यादव से विवाह होने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी। वे औरैया जिले के बिधूना की रहने वाली थीं। साधना गुप्ता का परिवार राजनीति में सक्रिय था। एक सियासी दिग्गज और एक नर्स के बीच मोहब्बत की कहानी में तमाम हिचकोले आए, लेकिन प्रेम की अमरबेल परवान चढ़ती गई।

लकी चार्म’ साबित हुईं साधना

1987 में पति से अलग होने के बाद साधना मुलायम की जिंदगी में आईं। दोनों की मुलाकात बढ़ती गई और प्यार भी। इस बीच, साधना मुलायम के लिए लकी साबित हुईं। 1989 में मुलायम यूपी के मुख्यमंत्री बन गए।

इसके बाद मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी हैं जिनका 2003 में निधन हो गया था जिसके बाद 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना गुप्ता से दूसरी शादी कर ली थी।  साधना गुप्ता को पत्नी स्वीकार करने पर अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज हुए थे। हालांकि, इसके पहले भी साधना के बेटे प्रतीक यादव के स्कूल में पिता की नाम की जगह मुलायम सिंह यादव ही लिखा जाता था। 

कहा जाता है कि तब समझौता हुआ था कि साधना के बेटे प्रतीक यादव राजनीति से दूर रहेंगे। साधना भी राजनीति से दूर ही रहीं। हालांकि, बाद में साधना की बहू और प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव ने जरूर राजनीति में कदम रखा। अपर्णा विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। अपर्णा फिलहाल भाजपा में हैं।

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