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प्रधानमंत्री सीरीज: मोदी के संघर्ष, हिम्मत और हौसले का शानदार सफर…

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गुजरात में विकास ने ऐसी रफ्तार पकड़ी की कि नरेंद्र मोदी सुर्खियों में आ गए। वहीं प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कई बड़े और कड़े फैसले लिए।

मोदी के संघर्ष
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भारतीय सियासत के महानायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के एक निर्वाचित मुखिया के तौर पर 20 साल पूरे हो गए है। मोदी के संघर्ष, हिम्मत और हौसले के इस शानदार सफर को बड़ी प्रतिष्ठा दिलाई है। गुजरात के वडनगर में जन्मे मोदी बचपन से ही कुछ अलग करना चाहते थे। मोदी 2001 से लेकर अब तक वे बिना ब्रेक मुख्यमंत्री के बाद प्रधानमंत्री के पद पर बने हुए हैं। उन्होंने देश में विकास के पहिये दौड़ाने के लिए कई नए काम किए। मोदी के संघर्ष, हिम्मत से आज वो देश के युवाओं के लिए ‘स्टाइल आइकन’ बन गए।

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नरेंद्र मोदी बहुत कम उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और देश सेवा में लग गए। वैसे तो प्रधानमंत्री का पूरा जीवन ही देश को समर्पित है। इस सीरीज में आपको बताएंगे कि कैसे मोदी ने गुजरात के सीएम के तौर पर तीन कार्यकाल पूरे किए, उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और कैसे वे देश के प्रधानमंत्री बनने में सफल हुए।

मोदी के संघर्ष ने दिया गुजरात मॉडल को जन्म

नरेंद्र मोदी ने पहली बार 7 अक्तूबर, 2001 को गुजरात के मुख्यंत्री पद की शपथ ली थी। उनके सामने सबसे पहली चुनौती आई भुज में आए विनाशकारी भूकंप की। तब उन्होंने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ जैसा मजबूत कदम उठाया और राज्य को फिर से खड़ा किया। गुजरात बिजली उत्पादन जैसे कई मोर्चों पर आत्मनिर्भर हो गया और आज देशभर में गुजरात मॉडल की काफी तारीफ होती है। गुजरात में विकास ने ऐसी रफ्तार पकड़ी की कि नरेंद्र मोदी सुर्खियों में आ गए।

नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने साल 2014 में आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उनको अपना प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित कर दिया। उस चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई और नरेंद्र मोदी को देश का 15वां प्रधानमंत्री चुन लिया गया। इसके बाद साल 2019 में तो भाजपा ने रिकॉर्ड बना दिया और एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटी।

2016 में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया

अपने कार्यकाल के दौरान जहां मोदी गुजरात को नई ऊंचाइयों पर ले गए तो वहीं प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कई बड़े और कड़े फैसले लिए। पीएम मोदी ने जो चुनावी वादे किए उनको न सिर्फ समयसीमा के अंदर पूरा किया बल्कि प्रभावी तरीके से लागू भी करवाया। फिर चाहे तीन तलाक हो, राम मंदिर, आर्टिकल 370 हो।

चीन हो या पाकिस्तान भारत की तरफ आंख उठाने वालों को पीएम मोदी ने अपने तरीके से जवाब देना जानते हैं। उरी अटैक और पुलवामा आतंकी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया। वहीं लद्दाख में गलवान घाटी पर हुई हिंसक झड़प का जवाब पीएम मोदी ने चीनी सामान और ऐप्स को बैन करके दिया। वहीं प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे अचानक 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के ऐलान ने देशभर को चौंका कर रख दिया।

आर्टिकल 370 को खत्म किया

अपने दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी ने कई अहम फैसले लिए। पहला 30 जुलाई 2019 को संसद से “तीन तलाक” के खिलाफ कानून पारित किया। दूसरा 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया था। इसके बाद उसने तत्कालीन राज्य को विभाजित कर दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का गठन किया था।

मोदी के कई अहम फैसलों ने देश और देशवासियों के प्रति उनकी निष्ठा की भावना और मजबूत कर दी। 20 साल में उन्हें अपने काम से कोई ब्रेक नहीं मिला है।

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