Advertisement

Health Story: क्या दूसरों से अपनी तुलना करके आप भी होते है हीनभावना का शिकार? ये टिप्स हो सकते है मददगार

Health Story
Share
Advertisement

Health Story: हम अपने जीवन में किसी भी बुरी घटना के बाद या फिर किसी असफलता के बाद डिप्रेशन में चले जाते है, या फिर दूसरों के साथ अपनी तुलना करके भी अपने आपको नीचा समझने लगता है। सोशल स्टेटस हो या दौलत, लोग तुलना करने से नहीं बच पाते। जब उनका सामना किसी ऐसे व्यक्ति से होता है जो उनसे ऊपर है या किसी अन्य तरीके से उनसे बेहतर होता है, तो अक्सर वो खुद को हीन महसूस करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि जब आप तुलना पर आएंगे तो यहां आपका नजरिया काम करेगा। वैसे तो हीनता की भावना आम है जो हमें बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती है। लेकिन कभी-कभी यह लोगों के लिए घातक भी साबित हो जाती है।

Advertisement

क्या दूसरों से अपनी तुलना करके आप भी होते है हीनभावना का शिकार?

जब हीन भावना किसी के जीवन को पॉजिटिव बदलाव के लिए प्रेरित करना बंद करके नेगेटिव थॉट्स पैदा कर देती है। इससे ग्रसित व्यक्ति को यदि हीन भावना के कारण किसी के जरिये आत्म सम्मान में चोट पहुंचती है। सोशल एंजाइटी का शिकार हो जाता है, या अपने से ज्यादा दूसरों की भावनाएं उसे नियंत्रित करती हैं। हीन भावना को मानसिक समस्या की श्रेणी में तब रखते हैं जब ये लगातार आपको परेशान करती है। जब ये भावना किसी के जीवन को पॉजिटिव बदलाव के लिए प्रेरित करना बंद करके नेगेटिव थॉट्स पैदा कर देती है। इससे ग्रसित व्यक्ति को यदि हीन भावना के कारण किसी के जरिये आत्म सम्मान में चोट पहुंचती है। सोशल एंजाइटी का शिकार हो जाता है।

लोग जज करते हैं तो हमें हीन भावना मिलती है

वैसे ज्यादातर देखने में आता है कि जब आपको कम आंका जाता है, या फिर लोगों से आपको इज्जत नहीं मिलती, लोग जज करते हैं तो हमें हीन भावना मिलती है। जब आपसी संबंधों में तुलना ही आधार होता है, लेकिन जब हम अपने बनाए बेसिक लेवल से खुद को आगे समझने लगते हैं। खुद को दूसरों से बेहतर पाने लगते हैं तो आत्ममुग्धता का भाव बढ़ जाता है, कई बार ये नारसिस्ट पर्सनैलिटी बन जाते हैं। लेकिन जब हमारे भीतर चेतना आ जाती है हम तुलना को तुलना की ही तरह लेते हैं तो ये सामान्य है। लेकिन अगर ये विचार बहुत ज्यादा है तो तत्काल साइकेट्रि़स्ट से संपर्क करना चाहिए।

ये टिप्स हो सकते है मददगार

इसके लिए हम सेल्फ काउंसिलिंग के जरिये भी खुद को करेक्ट कर सकते हैं। अपनी दिनचर्या में अगर आप सफर करते हैं तो साथ में कुछ ऑनलाइन नया सीखने का प्रयास करें। इसके लिए आप नेगेटिविटी से बचने और सेल्फ करेक्शन जैसी क्लासेज भी ऑनलाइन ले सकते हैं। आपको अगर आत्म विश्वास की कमी लगती है तो आप इसके लिए आत्म विश्लेषण कर सकते हैं। आप अपने विचार डायरी में लिखकर उसे एक साथ पढ़कर भी अपने विचारों को सही दिशा में ला सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *