
ऊंची उड़ान भरने के लिए, आपको एक कठोर सतह की आवश्यकता होती है। आज जब देश एशियाई खेलों में पदकों का जश्न मना रहा है, तो लोग खेलो में भारत के हरियाणवी खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत को याद कर रहे है। पहलवान अंतिम पंघाल और दीपक पूनिया, मुक्केबाज प्रीति पंवार और प्रवीण हुड्डा जैसे कई नाम हैं जिन्होंने खेलो इंडिया के जरिये वह जज्बा पाया जो देश को एशियाई खेलों में इतनी ऊंचाइयों तक ले गया। स्वाभाविक रूप से देश के हर नागरिक को उन पर गर्व है।
खेलो इंडिया में मेडल जीतने के लिए खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की, तो उन्होंने हर गांव से नए चैंपियन निकलने की बात कही थी। इस बात को खिलाड़ियों और हरियाणा सरकार दोनों ने गंभीरता से लिया है। भारत के खेलो में पदक जीतने के लिए हिसार, रोहतक, सोनीपत, झज्जर से लेकर यमुनानगर और रेवाडी-नारनौल तक के खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की। परिणाम ये रहा कि खेलो इंडिया 2021 में हरियाणा ने 52 स्वर्ण, 39 रजत और 46 कांस्य पदक जीतकर देश में पहले स्थान पर रहा।
पदक विजेताओं की सूची में हरियाणा आगे रहा
इसके बाद खेलो इंडिया 2023 में हरियाणा का दल इतना बड़ा हो गया मानो हर छठा खिलाड़ी परियाणा से ही हो। हरियाणा के 468 खिलाड़ियों में से 128 ने पदक जीतकर साबित कर दिया है कि वे विश्व कप, एशियाई खेलों और ओलंपिक में अपना दबदबा बनाएंगे और हुआ भी ठीक वैसा ही। एशियाई खेलों में भारत द्वारा जीते गए 107 पदकों में से 33 पदक हरियाणा के होनहारों के नाम दर्ज हैं। चाहे टीम हो या व्यक्तिगत प्रतियोगिता, हरियाणा राज्य में सर्वाधिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में शीर्ष पर रहा।
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