भारत सहित पूरी दुनिया में अपने सुरों से पहचान बनाने वाली लता दीदी को कौन नहीं जानता। उन्होंने हर जनरेशन के साथ काम किया है। लता दीदी 7 दशकों से अपनी अवाज का जलवा बिखेर रहीं थी। लोग उनके गीतों के दीवाने हैं।
सुरों की कोकिला का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में 28 सितंबर 1929 को एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी आवाज में 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा से भी ज्यादा गीत गाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज किया।
‘आयेगा आने वाला’ गाना गाने के बाद लता दीदी ने बालीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई। इसके बाद राजकपूर की ‘बरसात’ के गाने ‘जिया बेकरार है, हवा में उड़ता जाए’ जैसे गीत गाने के बाद लता बालीवुड में एक सफल पार्श्व गायिका के रूप में स्थापित हो गईं।
लता मंगेशकर का गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ को आज भी जब स्वतंत्रता दिवस या 26 जनवरी में सुनते हैं तो सामने लता मंगेशकर का चेहरा आ जाता है। इस गीत को सुनकर पूर्व प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी इतने प्रभावित हुए कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे।
लता मंगेशकर ने इस गाने को काफी सादगी से गाया, ये गाना जितना सरल लगता है उतना था नहीं। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने राज कपूर की फिल्म के लिए इस गाने को कंपोज किया था।
ये गाना Razia Sultan फिल्म का हैं। 80 के दशक का ये बेस्ट क्लासिकल गाना है। हेमा मालिनी पर फिल्माया गया ये गाना काफी हिट था और आज भी फैंस इस गाने को जब भी सुनते हैं तो खुद भी गुनगुनाने लग जाते हैं।
फिल्म ‘वो कौन थी’ का हिट गाना ‘लग जा गले कि फिर ये हसीन रात हो ना हो’ आज भी दर्शकों के बीच पसंद किया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इस हिट गाने को पहले फिल्म में लेने से ही मना कर दिया गया था। इस सुपरहिट गाने को फेमस सिंगर लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज दी थी। गाने में उनकी आवाज का ऐसा जादू था कि इसने सभी के दिलों में जगह बना ली।
अजीब दास्तां है ये, कहाँ शुरू कहां खतम गाना फिल्म दिल अपना और प्रीत पराई (Dil Apana Aur Preet Parayee) का है। फैंस के दिलों में आज भी ये गाना बसा हुआ है। इस गाने में जब लता मंगेशकर की आवाज जुड़ी तो इस गाने ने धमाल मचा दी।
इस गीत के सरल बोलों में ज़िन्दगी की गहराई बहती है जो इसे अमर बनाती है। इसमें जीवन की अहमियत और फ़लसफ़े को बड़े ही ख़ूबसूरत अंदाज़ में बयां किया गया है। एक प्यार का नगमा है मौजों की रवानी है। ये गाना लता दीदी के दिल के भी बेहद करीब है।
‘तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा’ गाना फिल्म आंधी का है। जिसे लता मंगेशकर ने बखूबी गाया है। ‘तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा’ काफी हिट था और आज भी फैंस इस गाने को जब भी सुनते हैं गाने में खो जाते हैं।
मेरे प्यार की उमर हो इतनी सनम गाना फिल्म वारिस-(Waris) का है, जिसे लता दीदी ने बहुत ही खुबसूरती से गाया है। कई दफा ये भी हुआ कि भारत रत्न लता के गानों को सुनकर ये कहा जाता था कि उनकी आवाज बेहद पतली है। लेकिन ‘मेरे प्यार की उमर हो इतनी सनम’ गाने को लता से बेहतर कोई नहीं गा सकता।
सोलह बरस की बाली उमर को सलाम गाना फिल्म ‘एक दुजे के लिए’ का है, जिसके संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल हैं। लता दीदी ने इस गाने में अपनी आवाज देकर चार चांद लगा दिए हैं। फिल्मी दुनिया में लता जी जितनी सफल हैं, उसके पीछे उनकी मेहनत है।
लता मंगेशकर को भी शुरुआती दिनों में रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। लेकिन समय के साथ-साथ लता दीदी लोगों के दिलों में राज करने लगी। ‘सोलह बरस की बाली उमर को सलाम’ गाने के बाद लता काफी ज्यादा फेमस हो गईं।
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