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महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या फर्क है, जानिए क्यों मनाते हैं महाशिवरात्री का पर्व?

महाशिवरात्री का पर्व
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कई लोग महाशिवरात्रि  को ही शिवरात्रि  भी बोलते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ये दोनों पर्व अलग-अलग महीने और दिन में पड़ते हैं। बहुत से लोग आज भी इस बात को नहीं जानते कि शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है? 

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शिवरात्रि

वैसे तो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए हर दिन खास होता है, लेकिन शिव भक्तों के लिए शिवरात्रि के पर्व का भी खास महत्त्व है। शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आती है। 

महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि साल में 1 बार ही आती है। ये धार्मिक पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है। भगवान भोलेनाथ के भक्त इस दिन को श्रद्धाभाव और पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन भक्त अपने आराध्य देव भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर जरूर जाते हैं।

क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

कहा जाता है कि इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। भगवान शिव इस दिन माता पार्वती को पति रूप में मिले थे। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी। जिसके फलस्वरुप कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ। इसलिए इस दिन को शिव भक्त बेहद खास मानते हैं और महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं।

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