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Shardiya Navratri 2022 : आखिर क्या है शारदीय नवरात्रि मनाने की पीछे की कहानी, जानिए

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हिंदु धर्म में नवरात्रि का अलग ही महत्व है। एक साल में नवरात्रि का पर्व वैसे तो चार बार मनाया जाता है लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्र का हिंदुओं में विशेष महत्व है इसमें से शारदीय नवरात्र(Shardiya Navratri 2022) की महत्ता और भी ज्यादा है क्योंकि ऐसी मान्यता है शारदीय नवरात्र धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक है साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा खुद धरती पर आती है और सारे संकट से मुक्ति भी देती हैं। उनके इस नौं दिनों के आवगमन को भक्त काफी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं लेकिन इसके पीछे दो विशेष कहानियां भी जुड़ी हुईं हैं जिनके बारे में हम आपको बताएंगे।

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नवरात्रि के पीछे जुड़ी हैं पौराणिक और रोचक कहानियां

नवरात्रि मनाए जाने के पीछे दो पौराणिक और बेहद ही प्रचलित कथाएं जुड़ी हुईं है जिसमें की पहली कथा के अनुसार महिषासुर नामक एक राक्षक ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर उनसे वरदान मांगा था कि दुनिया में उसे कोई भी देव, दानव या धरती पर रहने वाला मनुष्य उसका वध न कर सके। इस वरदान को पाने के ​बाद महिषासुर ने धरती पर आतंक मचाना शुरू कर दिया था उसके आतंक को रोकने के लिए शक्ति के रुप में मां दुर्गा ने धरती वासियों को बचाने के लिए जन्म लिया था। इसके बाद मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक युद्ध चला और दसवें दिन मां ने महिषासुर का वध कर दिया जिसके बाद शारदीय नवरात्र को धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक माना जाता है।

वहीं दूसरी कथा के अनुसार जब भगवान राम लंका पर आक्रमण करने जा रहे थे तो उससे पहले उन्होंने मां भगवती की अराधना की थी। भगवान राम ने नौ दिनों तक रामेश्वर में माता का पूजन किया और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें जीत का आर्शीवाद दिया। दसवें दिन राम जी ने रावण को हराकर लंका पर विजय प्राप्त की थी। तभी तक विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है।

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