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भगवान को फूल को अर्पित करते समय इन बातों का रखें ध्यान, सभी देवता होंगे प्रसन्न

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सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। शास्त्रों में पूजा सामग्री के सन्दर्भ में विस्तार से बताया गया है, जिनका पालन करने से भक्त अपने इष्ट देवी-देवता को प्रसन्न कर सकते हैं। यह भी बताया गया है कि देवी-देवताओं को कौन से रंग का पुष्प अर्पित करने से किस प्रकार का फल मिलता है। मान्यता है कि इन फूलों का इस्तेमाल करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और कई प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है।
आइए जानते हैं देवी-देवताओं की पूजा के समय किन फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए।
भगवान गणेश – भगवान गणेश को लाल रंग का गुडहल का फूल अति प्रिय है। इसलिए पूजा के समय उन्हें गुड़हल, चांदनी, चमेली या पारिजात के फूल जरूर अर्पित करें।
भगवान विष्णु – भगवान विष्णु की पूजा के समय उन्हें जूही, अशोक, चंपा, केतकी, वैजयंती के फूल जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मां दुर्गा – हरदिन मां दुर्गा की वन्दना करते समय लाल गुलाब और गुड़हल का पुष्प अर्पित करें। इसके साथ आप उन्हें अपराजिता का फूल, चंपा, सफेद कमल और कुंद के फूल अर्पित कर सकते हैं।

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भगवान शिव – भगवान शिव की पूजा करते समय उन्हें धतूरे, नागकेसर, हरसिंगार और सफेद रंग के पुष्प अर्पित करें। इससे वैवाहिक जीवन की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।

सूर्य देव – कलयुग में सूर्य देव एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं। इसलिए उनकी पूजा के समय कुटज, कनेर, कमल, चंपा, पलाश आदि के फूल का इस्तेमाल करें।

श्री कृष्ण – भगवान श्री कृष्ण को कुमुद, करवरी, चणक, मालती, पलाश व वनमाला के फूल प्रिय हैं। उनकी पूजा में इनका प्रयोग उत्तम माना जाट है।

बजरंगबली – हनुमान जी को लाल फूल अधिक प्रिय हैं। इसलिए उनकी पूजा में उन्हें लाल गुलाब या गुड़हल जरूर अर्पित करें। इससे आने वाले संकटों का नाश हो जाएगा।

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