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Dharm : मंत्र जाप में किस माला का करें प्रयोग, हर देवी-देवताओं के लिए होती है अलग मालाएं

rudraksh ki mala
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हिंदू धर्म में पूजा- पाठ में मंत्रों का बहुत महत्व है। कई युगों और काल से ही हमारे ऋषि-मुनि मंत्र जाप करते आ रहे हैं। मंत्र जाप से न केवल ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है बल्कि स्वास्थय की दृष्टि से भी मंत्र जाप करना बेहद फायदेमंद माना गया है। धार्मिक शास्त्रों में हर देवी-देवता के लिए अलग पूजा विधान बताया गया है, और इसी तरह हर देवी-देवता का अलग मंत्र भी है।मंत्रों की तरह मंत्र करने वाली मालाएं भी अलग होती है. तो चलिए जानते हैं कि कौन से देवी-देवताओं का मंत्र जाप करते समय कौन सी माला का प्रयोग करना चाहिए –

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किस मंत्र में कौन से माला का करें प्रयोग –

कमलगट्टे की माला – इस माला का इस्तेमाल मां लक्ष्मी और मां दुर्गा के मंत्रों के लिए किया जाता है। कमलगट्टे की माला में भी 108 मनके होते हैं।

तुलसी की माला – इस माला का प्रयोग खास तौर पर भगवान विष्णु के मंत्र जाप के लिए किया जाता है। इसके अलावा भगवान राम और श्री कृष्ण के मंत्रो का जाप करने के लिए भी तुलसी की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ रहता है क्योंकि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्री राम और कृष्ण जी दोनों ही विष्णु जी का अवतार हैं।

स्फटीक की माला – मां दुर्गा के सभी स्वरूपों के मंत्र जाप के लिए स्फटिक की माला का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा धन की देवी मां लक्ष्मी और ज्ञान की देवी मां सरस्वती के मंत्र जाप के लिए भी स्फटिक की माला का प्रयोग किया जाता है।

रुद्राक्ष के माला – रुद्राक्ष के माला से भगवान शिव का जाप करना बहुत शुभ है क्योंकि रुद्राक्ष भगवान शिव का रूप है। इस माला से महामृत्युंजय और लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। रुद्राक्ष के माला में पूरे 108 दाने यानी मनके होते हैं। 108 मनकों का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। 

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