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बाल भिक्षावृत्ति विरोधी मुहिम, 31 छापों के दौरान 47 बच्चे रेस्क्यू : महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर

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  • 47 बच्चों को रेस्क्यू किया
  • 30 बच्चों को माता-पिता के पास भेजा
  • भिक्षावृत्ति के लिए मजबूर करने वालों पर कार्रवाई
  • जीवनजोत प्रोजेक्ट 2.0, सुरक्षा और पुनर्वास
  • भिक्षा न दें, चाइल्ड हेल्पलाइन पर सूचना दें

Child Beggary : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सक्षम नेतृत्व में राज्य में बाल भिक्षावृत्ति को जड़ से समाप्त करने के लिए ठोस और जमीनी स्तर की कार्रवाई की जा रही है. इस तहत सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज राज्य भर में चलाई गई विशेष मुहिम के दौरान 47 भिक्षावृत्ति के लिए मजबूर किए गए बच्चों को रेस्क्यू किया गया. यह जानकारी कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी.

इस संबंध में आगे जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि जीवनजोत मुहिम के अंतर्गत विभाग की जिला बाल सुरक्षा टीमों द्वारा 31 छापे मारे गए. इन छापों के दौरान जिला अमृतसर में 1, बरनाला 2, बठिंडा 4, फिरोजपुर 3, फतेहगढ़ साहिब 2, गुरदासपुर 9, फाजिल्का 1, होशियारपुर 5, मलेरकोटला 2, पटियाला 9, रूपनगर 2 और श्री मुक्तसर साहिब में 7 मजबूर बच्चों को रेस्क्यू किया गया.

30 बच्चों को माता-पिता के पास भेजा

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि रेस्क्यू किए गए 30 बच्चों को दस्तावेजी जांच के बाद उनके माता-पिता के सुपुर्द किया गया, जबकि 17 बच्चे, जिनके माता-पिता की पहचान नहीं हो सकी, उन्हें चाइल्ड केयर संस्थानों में भेजा गया है.

कानूनी और वैज्ञानिक स्तर पर निपटाया जाए

डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि अगर किसी रेस्क्यू किए गए बच्चे के मामले में संबंधित बाल कल्याण समिति को यह संदेह या संभावना हो कि मामला गंभीर है और इसमें कानूनी जांच जरूरी है, तो एफ.आई.आर. दर्ज करने या डी.एन.ए. टेस्ट कराने जैसी कार्रवाइयाँ संबंधित डिप्टी कमिश्नर की मंजूरी से शुरू की जा सकती हैं, उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी बच्चे के साथ हो रही उल्लंघना या संदेहास्पद स्थिति को गंभीरता से लेते हुए कानूनी और वैज्ञानिक स्तर पर निपटाया जाए.

भिक्षावृत्ति के लिए मजबूर करने वालों पर कार्रवाई

उन्होंने सख़्त शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि बार-बार समझाने के बावजूद भी अगर माता-पिता अपने बच्चों को भिक्षावृत्ति के लिए मजबूर करते हैं, तो उन्हें अयोग्य अभिभावक घोषित कर सख़्त सजा देने हेतु कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अगर यह साबित होता है कि किसी तस्करी या आपराधिक गतिविधि के तहत यह भिक्षावृत्ति करवाई जा रही थी, तो ऐसी गतिविधियों में शामिल तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

जीवनजोत प्रोजेक्ट 2.0 सुरक्षा और पुनर्वास

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जीवनजोत प्रोजेक्ट 2.0 केवल रेस्क्यू कार्रवाई नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा, पुनर्वास और समग्र विकास की दिशा में एक संपूर्ण मॉडल है. यह मुहिम “रंगला पंजाब” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम साबित होगी. डॉ. बलजीत कौर ने लोगों से अपील की कि भिक्षा मांगते बच्चों को भिक्षा न दें और अगर ऐसा कोई मामला दिखाई दे तो चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर तुरंत जानकारी दें.

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