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उत्तर प्रदेश: 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेंगे 1.44 लाख परीक्षक

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के बाद अब बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से पुख्ता तैयारी की गई है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को त्रुटिरहित निरपेक्ष मूल्यांकन के लिए प्रदेश भर में 258 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए करीब 1.44 लाख परीक्षकों को नियुक्त किया गया है।

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यही नहीं, परीक्षा केंद्रों और परीक्षकों की सुरक्षा के लिए भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। वहीं सीसीटीवी के माध्यम से इसकी निगरानी की भी व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में रिकॉर्ड समय में बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाओं को संपन्न कराने में सफलता प्राप्त की है। 30 वर्षों में पहली बार कोई भी परीक्षा प्रश्नपत्रों के लीक होने, वायरल होने या अन्य किसी वजह से रद नहीं की गई। यही नहीं, सामूहिक नकल की भी कोई घटना नहीं हुई।

258 केंद्रों पर होगा मूल्यांकन कार्य

माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रदेश में कुल 258 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य एक अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके लिए 89,698 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है। वहीं इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 54,235 परीक्षक लगाए गए हैं। इस प्रकार कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कुल 1,43,933 परीक्षक नियुक्त किए गए हैं।

परीक्षकों को किया गया प्रशिक्षित

उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का त्रुटिरहित निरपेक्ष मूल्यांकन हो सके इसके लिए इस बार पहली बार मूल्यांकन में लगाए गए जाने वाले परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उनके उपनियंत्रकों का प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ऑडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से कराया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ में 12 मार्च को, बरेली में 13 मार्च को, गोरखपुर में 14 मार्च को, प्रयागराज में 15 मार्च को और वाराणसी में 16 मार्च को प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है। मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रक या प्रधानाचार्य क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर प्रशिक्षण लेने के बाद अपने-अपने मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकन प्रारंभ होने से पहले उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए नियुक्त परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।

सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था

सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि मूल्यांकन केंद्रों पर शुचितापूर्ण मूल्यांकन के लिए प्रत्येक मूल्यांकन केंद्र पर एक-एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट को लगाया गया है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में स्थित सभी मूल्यांकन केंद्रों के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के डायट प्राचार्य को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यही नहीं, मूल्यांकन केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों के चारों ओर 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाई गई है। साथ ही मूल्यांकन अवधि तक कम से कम चार सशस्त्र पुलिस गार्ड की भी तैनाती कराए जाने तथा स्थानीय अभिसूचना इकाइ/पुलिस कर्मियों की सादी वर्दी में तैनाती कराए जाने की व्यवस्था की गई है।

सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी

जिस तरह इस बार बोर्ड परीक्षाओं को वायस रिकॉर्डर वाले सीसीटीवी कैमरों के अधीन कराया गया था, उसी तरह मूल्यांकन कार्य की भी निगरानी किए जाने का प्रावधान किया गया है। सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार मूल्यांकन कार्य अनिवार्य रूप से वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी की निगरानी में होगा। मूल्यांकन की समुचित निगरानी के लिए सभी केंद्रों की जनपद और राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से लगातार मॉनीटरिंग कराए जाने की भी व्यवस्था की गई है।

रिपोर्ट – राहुल, संवाददाता लखनऊ

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