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साल 2019-20 का रिटर्न भरने वालों के लिए ये जानकारी है जरूरी

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वित्त वर्ष 2019-2020 का इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद कुछ लोगों के पास वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने की मोहलत को सरकार ने 28 फरवरी 2022 तक बढ़ा दिया है।

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ये इजाजत केवल एक बार के लिए दी गई है। साथ ही इनकम टैक्स के प्रावधानों के अनुसार जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न बिना डिजिटल सिग्नेचर के भरते हैं। उन्हें इसी आधार पर ओटीपी, नेट बैंकिंग, डीमेट अकाउंट के जरिए भेजे गए कोड या प्रीवैलिडेटेड बैंक अकाउंट और एटीएम के जरिए इसे सत्यापित या वेरिफाइड करना होता है।

नियमों के अनुसार रिटर्न 120 दिनों के भीतर फाइल करना होता है। इसके अलावा इसका एक और विकल्प भी है। इसकी हार्ड कॉपी को साइन करके बेंगलुरु स्थित सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर भेजा जा सकता है।

इसके साथ ही अगर आयकर वी-फॉर्म के द्वारा भरा गया है, और उसमें सिग्नेचर नहीं है, तो ये माना जाता है कि आयकर दाता ने रिटर्न भरा ही नहीं गया है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज CBDT ने 28 दिसंबर को एक सर्कुलर जारी करके जानकारी दी कि मूल्यांकन वर्ष 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2019-20) के लिए काफी बड़ी संख्या में कर दाताओं की रिटर्न प्रॉसेसिंग का काम रुका हुआ है। इसका कारण है कि बेंगलुरु स्थित सीपीसी को वैध रसीद प्राप्त नहीं हुई है या फिर उनके ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया पूरी ही नहीं हुई है।

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