नई दिल्ली: आर्थिक सुधारों पर आगे बढ़ते हुए केन्द्र सरकार सरकारी बैंकों का निजीकरण कर सकती है. आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार अहम विधेयक ला सकती है. ये संसद में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में शामिल है. 2021-22 का आम बजट पेश करते समय इसी वित्तीय वर्ष में सरकार ने दो बैंकों को प्राइवेट बनाने की घोषणा की थी. उम्मीद जताई जा रही है कि यह विधेयक इसी काम को पूरा करने के लिए लाया जा सकता है.
केन्द्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा है. बैंकों के निजीकरण पर ‘कॉमन’ कानून संसद में पेश होने वाले विधेयकों की सूची में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक-2021 शामिल है. लेकिन इस विधेयक में निजी किए जाने वाले बैंकों के नाम का उल्लेख नहीं है. ऐसे में संभावना है कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार बैंकों के निजीकरण के लिए कोई ‘कॉमन’ कानून बना रही हो.
नए संशोधन विधेयक के माध्यम से सरकार बैंकिंग सेक्टर से जुड़े अहम विधेयकों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है. इसमें 1970 और 1980 के बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण और अन्तरण) कानून के साथ-साथ बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के कई प्रावधानों में बदलाव होना शामिल है.
देश में बैंकों के राष्ट्रीयकरण को लेकर 1969 में पहला और 1980 में दूसरा बड़ा बदलाव हुआ. तब जो कानून बनाए गए उसने देश में सभी 34 बैंकों का एक साथ राष्ट्रीयकरण कर दिया गया. ये एक तरह के कॉमन कानून थे जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लिए बनाए गए कानून से अलग रहे.
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