अफगानिस्तान में पाकिस्तान का दखल, ड्रोन हमले करके पंजशीर में मचाई खलल

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काबुल। अफगानिस्तान के पंजशीर में अहमद मसूद के दल रेजिस्टेंस फोर्स और तालिबान के बीच संघर्ष जारी है। इस जंग में दोनों तरफ के कई लोगों की जान जा चुकी है। तालिबानियों ने पूरे अफगानिस्तान पर तो कब्ज़ा कर लिया है लेकिन पंजशीर अफगानिस्तान का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर अभी भी अहमद मसूद के गुट ने तालिबानियों के ख़िलाफ मोर्चा संभाल रखा है। तालिबानी उस पर भी अपना कब्ज़ा जमाना चाहते हैं।

पंजशीर के प्रमुख प्रवक्ता फहीम दश्ती और मसूद के कई करीबियों की हमले में हुई मौत

तालिबान दावा कर रहा है कि उसने पंजशीर के 4 इलाकों पर कब्ज़ा जमा लिया है। वहीं रेजिस्टेंस फोर्स का कहना है कि उसने तालिबान के 600 लड़ाकों को मार गिराया और 1000 ने आत्मसमर्पण कर दिया है। तालिबान हमारे किसी भी क्षेत्र पर कब्ज़ा नहीं कर सका है। सभी क्षेत्र अभी भी हमारे ही अधिकार में हैं।

इसी बीच ख़बर आई है कि रविवार को पाकिस्तानी वायुसेना ने पंजशीर पर ड्रोन हमले किए हैं। इस हमले में पंजशीर के प्रमुख प्रवक्ता फहीम दश्ती की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि फहीम अहमद मसूद के काफी नज़दीक थे। इसके अलावा इस हमले में मसूद के परिवार के कई लोगों और करीबियों की भी मौत हो गई है, जिसमें गुल हैदर खान, मुनीब अमीरी और जनरल वूदाद भी शामिल हैं। हमले के बाद से पंजशीर काफी कमजोर दिख रहा है।

पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के घर पर भी हमला, स्मार्ट बमों का किया गया प्रयोग

अफगानिस्तान के सामंगन प्रांत से पूर्व सांसद जिया अरियनजादो का कहना है कि ‘पाकिस्तान की वायुसेना ने पंजशीर पर ड्रोन के द्वारा बमबारी की है। और इसमें उन्होंने स्मार्ट बमों का प्रयोग किया है।‘ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के घर पर भी हमला हुआ है। कहा जा रहा है कि ये हमला हेलीकॉप्टर से किया गया था। हालांकि, सालेह सुरक्षित हैं, वो उस समय अपने घर पर नहीं थे। हमले के बाद उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

‘तालिबान पाकिस्तान की कठपुतली है’- सालेह

सालेह ने ब्रिटेन के एक अखबार में लिखा कि ‘तालिबान को पाकिस्तान नियंत्रित कर रहा है। यानी तालिबान पाकिस्तान की कठपुतली है, लेकिन यह बहुत दिनों तक नहीं चलने वाला। वे अभी इलाके पर काबिज जरूर हैं, लेकिन हमारा अतीत बताता है कि जमीन पर कब्जा कर लेने से लोगों के दिल नहीं जीते जाते, लोग नहीं जीते जाते।‘