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कार्यालयों में शुद्ध हवा की नामौजूदगी, घटा सकती है कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी

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नई दिल्ली: लगातार अनिद्रा, हाइपर टेंशन, और अन्य मानसिक रोगों के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए इनके कारणों को जानने की कोशिश की गई, तो पता चला व्यक्ति की व्यक्तिगत समस्याओं के साथ-साथ एक और जो वजह सामने आई, वो ये थी कि ऑफिस के माहौल और वातावरण का कर्मचारियों के मस्तिष्क और शरीर पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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कर्मचारियों पर अशुद्ध हवा के नकारात्मक प्रभाव

इस विषय पर वैज्ञानिकों की एक टीम काफी लंबे समय से अध्ययन कर रही है। इस अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि ऑफिस के अंदर हवा की क्वालिटी, कर्मचारियों की  कार्य क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। कार्यालय के अंदर स्वच्छ हवा की नामौजुदगी वहाँ काम कर रहे लोगों की कांसेन्ट्रेशन कैपेसिटी और रिस्पांस देने के समय को प्रभावित कर सकती है। यानि अशुद्ध हवा से सीधे तौर पर कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी प्रभावित हो सकती है।

रिसर्चर्स के अनुसार कर्मचारियों के स्वास्थ्य और उनकी कार्यक्षमता का ख्याल रखने के लिए ऑफिस में वेंटिलेशन और साफ हवा के प्रवेश की व्यव्स्था  सुनिश्चित की जानी चाहिए।

यह अध्ययन हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की अगुवाई में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले छह देशों के प्रतिभागियों पर एक साल तक रिसर्च करके किया गया। जिसमें पाया गया कि सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम2.5) की बढ़ी हुई मात्रा से प्रतिभागी कर्मचारियों की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

विभिन्न देशों के 300 से अधिक कार्यालय के कर्मचारियों पर किया गया शोध

शोधकर्ताओं की टीम ने पहले चीन, भारत, मैक्सिको, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के शहरों में 300 से अधिक कार्यालय के कर्मचारियों को नामांकित किया। इसके बाद इनके  ऑफिस के पर्यावरण को जानने के लिए एक प्रकार का विशेष पर्यावरण सेंसर दिया गया, जो PM2.5 और कार्बनडाईऑक्साइड का स्तर, तापमान और साथ ही सापेक्ष ह्यूमेडिटी को माप सकती थी। सभी प्रतिभागियों के फोन में एक ऐप भी इंस्टॉल किया गया, जिसके आधार पर कर्मचारियों का कॉग्नेटिव टेस्ट और सर्वेक्षण किया गया।

कर्मचारियों की मेमोरी भी प्रभावित

इस अध्ययन के रिज़ल्ट  को जानने के लिए अध्ययनकर्ताओं ने दो प्रकार के परीक्षण किए। और इन परीक्षणों के बेस पर सभी प्रतिभागियों की चीजों को समझने की गति और याददाश्त क्षमता का आंकलन किया गया। जिसमें यह सामने आया कि अधिक समय तक PM2.5 और कार्बनडाईऑक्साइड के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों में चीजों को समझने और उनके जवाब देने की गति की क्षमता में देरी हो सकती है। इसके अलावा लोगों में याददाश्त से संबंधित समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं।

कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए कार्यालय में हो शुद्ध वातावरण

इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक जोसेफ एलन का कहना है कि ‘बेहतर वेंटिलेशन और स्वच्छ हवा की मौजूदगी न केवल कोरोना काल और संक्रमण के दौर में संक्रमण के खतरे को कम करने में सहायक होगी, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अनिवार्य है।

कार्यालयों में कर्मचारियों से बेहतर कार्य कराने और उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए कार्यालय के अंदर स्वच्छ हवा और अच्छे वेंटिलेशन की बहुत आवश्यकता है। अशुद्ध हवा मस्तिष्क के साथ शरीर के दूसरे भागों के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है और हमें इस ओर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है।

डिस्कलेमर: इस लेख को  ‘इन्वायरमेंटल रिसर्च लेटर्स’ नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन लेख के आधार लिखा गया है। इस लेख का उद्देश्य आपकी जानकारी बढ़ाने व आपको जागरूकता करना है। अधिक जानकारी के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।

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