Halloween Day: दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में शनिवार देर रात हैलोवीन फेस्टिवल (Halloween Festival) के दौरान अचानक भगदड़ मच गई।इस भगदड़ कम से कम 120 लोगों की मौत और 100 लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि अभी मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। इसमें हैरानी वाली बात ये है कि कम से कम 50 लोगों को भगदड़ के चलते हार्ट अटैक आया। जिसके चलते उनकी मौत हो गई।
इस हादसे के बाद साउथ कोरिया में एक दिन का राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया गया है। आखिर क्या है हैलोवीन फेस्टिवल ये कब और क्यों मनाया जाता है? आइए जानते हैं।
हर साल 31 अक्टूबर के दिन हैलोवीन डे मनाया जाता है। हैलोवीन यूरोपीय देशों में मनाया जाने वाला एक फेस्टिवल है। वहां इसे धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिव बच्चे घर-घर जाकर Happy Halloween की विश देते है और मीठा जैसे चॉकलेट्स या कैंडी लेते है, वहीं इस मौके पर घर के बड़े पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना करते है। इस त्योहारों पर जहां सभी नए कपड़े पहन कर सज-संवर कर तैयार होते है।
इस दौरान लोग भूत-चुड़ैल, जॉम्बीज की तरह दिखते हैं। कहा जाता है कि हैलोवीन फेस्टिवल को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मनाया जाता है।
ऐसे हुई शुरूआत
दरअसल हैलोवीन की शुरुआत बहुत पहले ही हुई थी। फसल के मौसम में किसानों की मान्यता थी कि बुरी आत्माएं धरती पर आकर उनकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए उन्हें डराकर भगाने के लिए वे खुद डरावना रूप अख्तियार कर लेते थे। मगर आधुनिक युग में यह एक मौज-मस्ती और छुट्टी मनाने का अच्छा तरीका बन गया है। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता भी काफी बढ़ती जा रही है।
ऐसे मनाते हैं लोग
इरिश लोक कथाओं के अनुसार हेलोवीन पर जैक ओ-लैंटर्न बनाने का रिवाज है। लोग खोखले कद्दू में आंख, नाक और मुंह बनाकर अंदर मोमबत्ती रखते हैं। इसके बाद इसे जमा कर दफना दिया जाता है।
हैलोवीन (Halloween) पर लालटेन जलाने को लेकर पश्चिमी देशों में एक कहानी खूब सुनाई जाती है। इसके मुताबिक, कंजूस जैक और शैतान आयरिश दोस्त थे। कंजूस जैक शराबी था। एक बार उसने आयरिश को अपने घर बुलाया, लेकिन उसने आयरिश को शराब पिलाने से मना कर दिया। उसने अपने दोस्त से कहा कि वो तभी शराब पिलाएगा जब वो उसके घर में लगा हुआ कद्दू खरीदेगा।
हालांकि, बाद में जैक ने आयरिश को इस बात भी इनकार कर दिया। इसके बाद उसके दोस्त ने गुस्से में आकर पंपकिन (कद्दू) की डरावनी लालटेन बनाकर अपने घर के बाहर एक पेड़ पर टांग दी। उसने पंपकिन में डरावना चेहरा बना दिया और उसमें जलते हुए कोयले भर दिए। इसके बाद बाकी लोगों ने भी सबक के तौर पर जैक-ओ-लालटेन का ट्रेंड शुरू कर दिया। मान्यता है कि ये लालटेन पूर्वजों की आत्माओं को सही रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से उन्हें बचाने का काम करती हैं।
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