भदोही: बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा के जेल में बंद ब्लॉक प्रमुख भतीजे मनीष मिश्रा को बड़ी राहत मिल गई है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद (High Court Allahabad) ने सामूहिक दुष्कर्म, धमकी देने एवं एससी-एसटी के मामले में मनीष मिश्रा को जमानत दे दी है। न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्रा की अदालत ने मामले के दोनों अभियुक्तों क्रमशः मनीष मिश्रा (Manish Mishra) एवं सुरेश केसरवानी (Suresh Kesarwani) की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए दो जमानतदारों के व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहा करने का फैसला सुनाया है। माननीय न्यायालय ने जमानत अपील केस में बहस के दौरान उभयपक्षों के अपील, दलील एवं तर्क को सुनने के बाद अपना निर्णय दिया है।
वादी पक्ष का कहना था कि उसे राजनैतिक विरोधियों द्वारा फंसाने के लिए षड्यंत्र के तहत मुकदमा कराया गया है। आरोप लगाने वाली पीड़िता ने लगातार अपने बयान बदले, जिससे मामला स्वयं संदिग्ध हो जाता है। महिला ने हाल ही में ट्रायल कोर्ट में हमारे राजनीतिक विरोधी व उसके गनर के दबाव में आरोप लगाने व बयान देने की बात स्वीकार करते हुए घटना न होने का बयान दर्ज कराया था। पीड़िता द्वारा साल 2019 की घटना बताते हुए दिसम्बर 2021 में मुकदमा दर्ज कराया गया। पीड़िता के पास कोई ठोस साक्ष्य नही हैं। वहीं दूसरे पक्ष से आरोपियों के अपराधिक इतिहास (Crime history) का हवाला दिया गया। माफिया विजय मिश्रा गैंग का सक्रिय सदस्य होने की दलील देते हुए जमानत न देने की अपील की गई। विद्वान न्यायधीश ने बीते 13 मार्च 2023 को हुई बहस के बाद दोनों को जमानत देने का निर्णय सुनाया है। अवगत हो कि 20 जून 2022 को इस मामले में निचली अदालत (Trial Court) ने बेल अपील खारिज कर दी थी।
फिलहाल, अभी गैंगेस्टर मामले में जमानत न होने से मनीष मिश्रा व सुरेश केसरवानी को जेल की सलाखों के पीछे ही रहना पड़ेगा। वहीं बड़े मामले में जमानत मिलने से मनीष मिश्रा के विरोधियों को तगड़ा झटका लगा है।
वादी पक्ष के अधिवक्ता शशिभूषण मिश्रा ने कहा कि गैंगरेप, एससी-एसटी मामले के दोनों आरोपियों को बेल मिली है। कोर्ट ने दो जमानतदारों के निजी बांड पर सशर्त जमानत स्वीकार की है।
मनीष मिश्रा भदोही के ज्ञानपुर सीट से बाहुबली पूर्व विधायक (Ex. MLA) रहे विजय मिश्रा का भतीजा है। और कई बार से भदोही में ब्लॉक प्रमुख रहा है। डीघ ब्लॉक प्रमुख रहने के दौरान ही उसे जेल भेजा गया था।
बता दें कि भदोही के ऊंज थाने में एसपी के निर्देश के बाद दिसम्बर 2021 में प्रयागराज जिले की 30 वर्षीय दलित विवाहित महिला के तहरीर पर 04 लोगों पर 376डी, 504, 504 एवं 3(2)(V) एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। महिला 2019 में अपने साथ गम्भीर घटना कारित किये जाने का जिक्र किया था। विवेचना में दो आरोपियों को मुकदमें से बाहर कर दिया गया। मनीष मिश्रा एवं सीतामढ़ी, भदोही निवासी सुरेश केसरवानी पर मुकदमा प्रचलित है। मनीष मिश्रा को भदोही की गोपीगंज पुलिस ने इस मुदकमे के लिखे जाने के महज कुछ दिनों पूर्व ही बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा आदि पर गैंगरेप लगाने वाली पीड़िता द्वारा वाराणसी के जैतपुरा थाने में धमकी देने और घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में अरेस्ट कर जेल भेजा था।
गैंगरेप मामले के आरोपी सुरेश केसरवानी पर गैंगेस्टर सहित करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। वहीं मनीष मिश्रा पर गैंगरेप, पूर्व सांसद के भाई की हत्या, गैंगेस्टर सहित कुल 22 से अधिक मामले पंजीकृत हैं। जिसमें कई मामलों पर कोर्ट से बरी हुआ है तो अधिकांश में जमानत पर है। जानकारी के मुताबिक केवल गैंगेस्टर मामले में जमानत नही मिली है। जेल में जाने के बाद मनीष मिश्रा पर गैंगेस्टर सहित 3-4 केस दर्ज किये गए। गैंगेस्टर एक्ट- 14(1) के तहत मनीष मिश्रा की करोड़ों तो सुरेश केसरवानी की लाखों की चल-अचल संपत्ति भी कुर्क की गई है।
रिपोर्ट- रामकृष्ण पाण्डेय, भदोही एवं कुश दुबे, प्रयागराज
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