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झारखंड के मुख्यमंत्री को जल्द छोड़ना होगा अपना पद! जानें खास वजह?

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झारखंड के मुख्यमंत्री की दिन पर दिन  मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं।  इसकी साथ इनकी विधानसभा की सदस्यता पर भी खतरे के बादल मंडराते दिखाई दे रहें हैं। मिली जानकारी के हिसाब से  हेमंत सोरेन पर अपने पद का दुरूपयोग करने का आरोप लग रहा है। फिलहाल  इस मामले में चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन का पक्ष जानने के बाद अपनी राय राज्यपाल को भेज दी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि चुनाव आयोग  ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री  की विधानसभा सदस्यता रद् करने का प्रस्ताव रखा था।

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क्या है पूरा मामला?

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद के दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप है। इस मामले में ही झारखंड के राज्यपाल ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने को लेकर चुनाव आयोग की राय मांगी थी। गुरुवार को चुनाव आयोग ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भेज दी। सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते हुए अपने नाम पर खनन पट्टे लेने का आरोप है। 

क्या सोरेन की सदस्यता जा सकती है?

 मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ऐसा करना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9(A) के तहत गंभीर मामला है। अगर चुनाव आयोग को आरोपों में सच्चाई मिलती है तो हेमंत सोरेन की सदस्यता जा सकती है। खबर तो ये भी है कि भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पांच साल तक के लिए चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है

सोरेन की सदस्यता से बदल जाएगी सरकार?

नियमानुसार  विधानसभा सदस्यता जाने पर हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।  महारष्ट्र की  तरह राज्यमें एक नई सरकार का गठन होगा। हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायकों को अपना नया नेता चुनना होगा। विधायक दल का नया नेता राज्य का अगला मुख्यमंत्री बन सकता है। राज्य में JMM, कांग्रेस, राजद, एनसीपी की गठबंधन सरकार है। ऐसे में नए नेता के लिए JMM को अपने सहयोगी दलों से भी बातचीत करनी पड़ेगी। इनमें भी सबसे बड़े सहयोगी कांग्रेस की राय सबसे ज्यादा अहम होगी।

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