मंत्री अक्सर बेतुकी बयानबाजी करते रहते है । नेता अक्सर एक दूसरे पर गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बयान देते है । ऐसे में इन पर सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रियों की बेतुकी बयानबाजी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोलने की आजादी पर रोक नहीं लगा सकते हैं । जीहां आपको बता दे कि आपराधिक मुकदमो पर मंत्रियों और बड़े पद पर बैठे लोगों की बेतुकी बयानबाजी पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है । कोर्ट की संविधान बेंच ने कहा कि मंत्री का बयान सरकार का बयान नहीं कहा जा सकता । साथ ही ये भी कहा कि बोलने की आजादी हर किसी नागरिक को हासिल है । उस पर संविधान के परे जाकर रोक नहीं लगाई जा सकती । साथ ही बेंच ने कहा कि अगर मंत्री के बयान से केस पर असर पड़ा हो तो कानून का सहारा लिया जा सकता है ।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मामले में 6 सवाल तय किए थे। जजों ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (2) में लिखी गई पाबंदियों से अलग बोलने की स्वतंत्रता पर कोई और पाबंदी नहीं लगाई जा सकती। अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 21 (जीवन का अधिकार) जैसे मौलिक अधिकारों का हनन होने पर सरकार के अलावा निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट दरवाजा खटखटाया जा सकता है। 4 जजों ने यह भी माना है कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों को सुरक्षा दे।
मंत्रियों के बयान के मसले पर चर्चा करते हुए बेंच ने कहा है कि मंत्री के बयान को सरकार का बयान नहीं कह सकते। सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी का सिद्धांत मंत्री के निजी बयान पर लागू नहीं हो सकता, लेकिन अगर किसी नागरिक के खिलाफ मंत्री के बयान से मुकदमे पर असर पड़ा हो या प्रशासन ने कार्रवाई की हो तो कानून का सहारा लिया जा सकता है।
MI vs KKR: कोलकाता नाइट राइडर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 169…
Ayodhya: भगवान राम लला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद से देश और…
Lok Sabha Election 2024: फिरोजाबाद में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक…
Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी के निघासन में तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बाइक को टक्कर मार…
CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवार ने पूर्व मंत्री इमरती देवी के…
Jakarta: ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए भारत और बिहार दोनों में…
This website uses cookies.