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स्वतंत्रता की लड़ाई को लेकर सपा में लगी दीमक, ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल को मिला खत, जानिए क्या खास है इस खत में

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नई दिल्ली। यूपी की सियासत में एक बार फिर से सियासत का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।कई दिनों से चली आ रही सपा की आंतरिक कलह आज खुलकर सामने आ गई है. अखिलेश यादव और उनके चाचा के बीच चल रही सियासी तनातनी आज फिर से राजनीति में संकट पैदा कर रही है।

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समाजवादी पार्टी ने लिया बड़ा फैसला
आपको बता दें मिली खबरों के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। पार्टी ने शनिवार को एक खुला खत लिखकर कहा कि आप जहां चाहे जाने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बाद शिवपाल यादव ने ट्वीट के जरिए भतीजे अखिलेश पर सियासी तंज कसते हुए लिखा कि ,’ मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद। राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है.’ उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए ये भी कहा कि अखिलेश को बड़ों का सम्मान करना नहीं आता है।

शिवपाल के खत को लेकर भाजपा ने किया राजनातिक प्रहार
सपा की शिवपाल को चिट्ठी लिखे जाने पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने सपा के चरित्र पर ही सवाल करते हुए कहा कि सपा का मूल चरित्र ऐसा ही रहा है। जिसका भी हाथ पकड़ा, उसका हाथ झटक भी दिया है। पहले कांग्रेस, बसपा और अब शिवपाल और राजभर। इसी कड़ी में उन्होंने ये भी कहा कि जो वेटा अपने पिता का सगा ना हो सका वो सहयोगी दलो का खास कैसे हो सकता है।

राजभर को भी लिखा गया पत्र

उधर ऐसा ही एक पत्र ओमप्रकाश राजभर को भी लिखा गया है। इसमें भी यही कहा गया है कि ओम प्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है। आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।

निशांत दिक्षित

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