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President Election: 96 लोगों का नामांकन हुआ रद्द, अब राष्ट्रपति चुनाव मैदान में सिर्फ द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा

President Election
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद का चुनाव (President Election) 18 जुलाई को होना है, इसके लिए 98 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था। लेकिन इनमें से 96 लोगों के नॉमिनेशन को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया है। 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख थी, जबकि पर्चा वापस लेने की अंतिम तारीख दो जुलाई है। इसीलिए अब राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में सिर्फ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ही रह गए हैं।

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राष्ट्रपति चुनाव के लिए 96 लोगों का नामांकन हुआ रद्द

बता दें कि चुनाव (President Election) के लिए कुल 96 लोगों का नॉमिनेशन अलग-अलग कारणों से रद्द कर दिया गया है। द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा के नॉमिनेशन को ही केवल वैध माना गया है। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को राष्ट्रपति चुनाव का पीठासीन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर) बनाया गया है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 98 प्रत्याशियों ने नॉमिनेशन किया था। इनमें से 96 लोगों के नॉमिनेशन को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया है। 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख थी, जबकि पर्चा वापस लेने की अंतिम तारीख दो जुलाई है।

अब मैदान में सिर्फ द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा

जानकारी के मुताबिक, 26 प्रत्याशियों का नामांकन (President Election) तकनीकी कारणों से तत्काल जबकि अन्य का नामांकन गुरुवार को स्क्रूटनी के बाद रद्द किया गया है। जिन आवेदकों के नॉमिनेशन खारिज हुए हैं, उन प्रत्याशियों के पास प्रस्तावक और अनुमोदकों की संख्या पर्याप्त नहीं थी। इसके अलावा निर्धारित जमा राशि 15 हजार रुपए भी नहीं जमा कराई गई थी। राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा जबकि 21 जुलाई को नतीजे आएंगे।

जानें कौन है द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति पद के लिए BJP की बनीं पहली (Draupadi Murmu Profile) पसंद द्रौपदी मुर्मू ओडिशा प्रदेश से आती हैं। उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू और पति का नाम श्याम चरम मुर्मू है। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की संथाल परिवार से आती हैं। मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव में उनका लालन-पालन एक आदिवासी परिवार में हुआ। द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के राजरंगपुर जिले में पहली बार पार्षद चुनी गईं। इसके बाद बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष बनीं।

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