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प्रयागराज : ताबड़तोड़ हत्या कर गंगापार इलाके को थर्रा देने वाले गिरोह के 7 बदमाश मुठभेड़ में घायल

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Prayagraj Encounter: चुकी है। इन वारदातों में नवाबगंज के खागलपुर में 16 अप्रैल को हुई 5 मौतों को छोड़कर बाकी सभी वारदातों का तरीका एक है।

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प्रयागराज के गंगापार इलाके में बीते कई दिनों से हो रही हत्याओं की गुत्थी पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। पुलिस के मुताबिक बीती रात हुई मुठभेड़ में 7 दुर्दांत बदमाशों गोली लगने से घायल हुए हैं। इनमें से तीन की हालत गंभीर है। शुरुआती पूछताछ में इन बदमाशों ने बताया है कि फाफामऊ इलाके में नवंबर 2021 में 4 लोग की हत्या और इसी साल अप्रैल में खेवराजपुर में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या में ये लोग शामिल थे।

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बता दें कि सात ऐसे आरोपियों की प्रयागराज में मिलने सूचना मिली जो बड़ी घटनाओं को अंजाम देते थे। खबर है कि इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने चारों तरफ से आरोपियों की घेराबंदी कर ली। आरोप है कि इस दौरान अपराधी पुलिस पर फायर कर भागने लगे, जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिसमें तीन आरोपियों के पैर में गोली लग गई।

इन हत्याओं से प्रदेश सरकार और प्रयागराज पुलिस पर कई सवालिया निशान विपक्षी पार्टियां लगा रही थी। वहीं पकड़े गए बदमाशों से दो बड़े हत्याकांड का हुआ खुलासा है।

ताजा मामला थरवई थाना क्षेत्र के खेवराजपुर गांव में हुई 5 हत्याओं को अगर जोड़ने तो अब तक 34 लोगों की हत्या हो चुकी है। इन वारदातों में नवाबगंज के खागलपुर में 16 अप्रैल को हुई 5 मौतों को छोड़कर बाकी सभी वारदातों का तरीका एक है।

पहली घटना- 24 अप्रैल 2017 को नवाबगंज के जूड़ापुर गांव में हुई। नवाबगंज के जूड़ापुर गांव में व्यापारी उसकी पत्नी दो बेटियों की नृशंस हत्या कर दी गई। बेटियों से रेप की बात भी सामने आई। पुलिस ने पहले नामजद को मामले में जेल भेजा था।

दूसरी घटना- 19 मार्च 2018 में नवाबगंज थाना क्षेत्र में हुई। नवाबगंज के शहावपुर उर्फ पसियापुर गांव में सुशीला देवी दो बेटे सुनील और अनिल की नृशंस हत्या कर दी गई।

तीसरी घटना- 7 सितंबर 2018 के बिगहियां गांव में हुई थी। सोरांव के बिगहियां गांव में कमलेश देवी, बेटी, दामाद प्रताप नारायण सहित उसके नाती विराट की हत्या की गई। इस हमले में केवल एक मासूम बच्ची जिंदा बची।

चौथी घटना- 5 जनवरी 2020 को सोरांव के यूसुफपुर गांव में 5 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। सोरांव थाना क्षेत्र के यूसुफपुर गांव में विजय शंकर तिवारी, बेटे सोनू,बहू सोनी और पोते कान्हा और कुंज की हत्या की गई। परिजनों ने प्रधान समेत अन्य को नामजद किया था। पुलिस ने बिहार के छह लोगों को मामले में आरोपी बनाया।

पांचवीं घटना- गंगा पार इलाके के होलागढ़ शुकुलपुर मजरा में 2 जुलाई 2020 को हुई. इसमें भी 4 लोगों की हत्या की गई। होलागढ़ के शुकुलपुर मजरा निवासी विमलेश पांडेय, बेटे प्रिंस, बेटी श्रेया और शीबू की गला रेत कर हत्या कर दी गई। बदमाशों ने विमलेश की पत्नी उषा पर हमला किया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने छेमार गैंग के बदमाशों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा करने का दावा किया था।

छठवीं घटना- 25 अक्टूबर 2021 को गोहरी में एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या कर दी। गोहरी में दलित परिवार के 4 लोगों की हत्या की गई थी। बेटी के साथ गैंगरेप भी हुआ था।

सातवीं घटना- 2022 में 16 अप्रैल को नवाबगंज के खागलपुर में एक परिवार के 5 लोगों की सामूहिक हत्या की खबर मिली। इसमें 4 लोगों की धारदार हथियार से हत्या की गई थी। जबकि एक व्यक्ति फांसी पर लटका मिला था। 16 अप्रैल की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि नवाबगंज के खागलपुर में एक परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो यहां पर पशु व्यापारी राहुल तिवारी फांसी के फंदे पर लटका मिला। उसकी पत्नी प्रीति और तीन बेटियों के शव खून से लथपथ बिस्तर पर पड़े थे। पुलिस ने दावा किया था कि राहुल ने कत्लेआम करके फांसी लगा ली।

आठवीं हत्या- 23 अप्रैल को थरवई थाना क्षेत्र के खेवराजपुर गांव में हुई। जहां पर पशु व्यापारी राजकुमार यादव पत्नी कुसुम, बेटी, बहू और एक मासूम बच्ची की हत्या कर दी गई। हत्यारोपियों ने घर में आग भी लगा दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि बहू गर्भवती थी सभी की हत्या सिर पर धारदार हथियार व ईंटपत्थर से प्रहार कर की गई थी।

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