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प्रयागराज: हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के 150 वर्ष पुरे, आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए CM योगी

आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन करते सी एम योगी

आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन करते सी एम योगी

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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के इलाहबाद जिले में स्थित इलाहबाद हाई कोर्ट एसोसिएशन के 150 वर्ष पुरे हो गए। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री जी तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री राजेश बिंदल ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद के स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया।

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प्रयागराज न्याय का पवित्र मंदिर है: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि प्रयागराज की धरती पर पूरा प्रदेश व देश मां गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान करके कुम्भ व माघ मेले के इस आयोजन के साथ अपने आप को सहभागी बना के जीवन में सफलता के मार्ग का अनुश्रवण करने का संकल्प लेता है। प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपनी न्याय की अभिलाषा में प्रयागराज की धरती में आता है। बार और बेंच के बेहतर समन्वय इस कार्यक्रम में दिखायी दे रहा है। वास्तव में यह अधिवक्ता कुम्भ ही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन 150 वर्ष की लम्बी यात्रा अनेक उतार-चढ़ाव में पूर्ण हुई है। प्रत्येक क्षेत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देश को नेतृत्व प्रदान किया है। अधिवक्ताओं पर लोगों का विश्वास ही अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी पूंजी है। इस पूंजी को संजोकर रखना है। जनता को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने का प्रयास करना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज की धरती हम सब के लिए प्राचीन काल से ही प्रेरणा का स्रोत रही है। यह धर्म की धरती है तथा यहां से अध्यात्म की प्रेरणा प्राप्त होती है। देश में शिक्षा के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में प्रयागराज का नाम आता है। भारत का पहला गुरुकुल यहीं पर स्थापित हुआ था। प्रयागराज न्याय का पवित्र मंदिर है। जब कोई व्यक्ति अपनों से पीड़ित तथा प्रताड़ित होता है, जीवन की हर प्रकार की आस व विश्वास को खो देता है, तब बड़ी आशा भरी दृष्टि से वह इस न्याय के मंदिर की ओर देखता है।
उन्होंने आगे कहा कि अधिवक्ता समुदाय ने आजादी की लड़ाई में न केवल बढ़-चढ़कर भाग लिया, बल्कि देश को नेतृत्व भी प्रदान किया। देश की आजादी को नई दिशा देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद, भारत की संविधान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सच्चिदानंद सिन्हा, देश के संविधान को स्वरूप देने वाले बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेड़कर, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू, देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल, यह सभी अधिवक्ता समुदाय से आते हैं। देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्हांेने उस काल खण्ड में जुल्म की परवाह किये बिना लगातार देश की आजादी के लिए संघर्ष किया, उसमें अधिक्ता समुदाय अग्रणी भूमिका में था। अपनी इस पुरातन पहचान को एक बार फिर से आगे किए जाने की आवश्यकता है।
योगी जी ने कहा कि देश ने अमृत काल में कई उपलब्धियां हासिल की है। भारत ब्रिटेन को पछाड़ कर दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थ व्यवस्था बन गया है। दुनिया के 20 बड़े देशों के समूह जी-20 का नेतृत्व अमृत काल में भारत को प्राप्त हुआ है। यह प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ही सम्भव हुआ है। प्रदेश के 04 महानगरों में जी-20 से सम्बन्धित 11 सम्मेलन होने जा रहे है। वैश्विक मंच पर उत्तर प्रदेश व देश को प्रस्तुत करने का यह एक बेहतरीन अवसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सबका लक्ष्य एक ही है कि सबको सस्ता, समय से व सुलभ न्याय प्राप्त हो। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। न्याय पालिका व बार के लिए जो भी मांग की गयी है वह प्रदेश की जनता के हित के लिए है, सरकार उसे पूरा करने का पूर्ण रूप से प्रयास करेगी। न्याय पालिका, शासन व बार के सहयोग से सबको सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने की दिशा में सरकार तेजी से कार्य कर रही है। पूरे देश में लोक अदालत में जितने मुकदमों का निस्तारण हुआ, उसमें आधे से अधिक उत्तर प्रदेश से थे।
उन्होंने कहा कि यहां पर अधिवक्ताओं के लिए मल्टीलेवल पार्किंग एवं अधिवक्ता चेम्बर के निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए धनराशि आवंटित कर दी गयी है। इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर अधिवक्ताओं के चेम्बर यहां बन पायेंगे। अधिवक्ताओं के 2500 चेम्बर बन रहे हैं, जिसमें 10 हजार अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यहां पर नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी बनाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। प्रयागराज न्याय व शिक्षा की धरती है, इस यूनिवर्सिटी के बन जाने से प्रयागराज का गौरव और बढ़ेगा। यह यूनिवर्सिटी पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि किसी अधिवक्ता की आकस्मिक मृत्यु पर जो आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था 60 वर्ष तक थी, उसे बढ़ाकर 70 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही अधिवक्ता कल्याण निधि में पंजीकरण के 30 वर्ष पूर्ण होने पर त्यागपत्र देने या मृत्यु होने की दिशा में उनके आश्रितों को अधिवक्ता कल्याण निधि के तहत मिलने वाली राशि को 1.5 लाख से बढ़ाकर 05 लाख करने की व्यवस्था की गयी है।

उन्हें पुस्तक व पत्रिका आदि क्रय करने के लिए दी जाने वाली राशि के वित्तीय स्वीकृति के लिए भी आदेश निर्गत किए जा चुके है। सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के अन्तर्गत मृत्यु दावे के रूप में वर्ष 2017-18 से चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 (31 जनवरी, 2023 तक) कुल 13 करोड़ 37 लाख 92 हजार 512 रुपये का भुगतान न्यासी समिति द्वारा किया गया है। सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के अन्तर्गत सदस्यता वापसी के रूप में वित्तीय वर्ष 2017-18 से चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 (31 जनवरी, 2023 तक) कुल 47 करोड़ 83 लाख 7,926 रुपये का भुगतान न्यासी समिति द्वारा किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में इंटीग्रेटेड कोर्ट बिल्डिंग बनाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य पूरे देश के लिए एक माॅडल के रूप में होगा। पूरे प्रदेश में जनपद न्यायालयों में जमीन की उपलब्धता के आधार पर अधिवक्ताओें के चेम्बर बनाये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत प्रयागराज के जनपद न्यायालय में अधिवक्ताओं के चेम्बर के लिए 11.31 करोड़ रुपये से अधिक, कासगंज के लिए 5.25 करोड़ रुपये से अधिक, लखनऊ के 4.88 करोड़ रुपये से अधिक तथा श्रावस्ती के लिए 4.85 करोड़ रुपये से अधिक अवमुक्त किए गए हैं। कई अन्य जनपदों में भी अधिवक्ताओं के चेम्बर हेतु धनराशि अवमुक्त की गयी है।

आपको बता दें कि इस अवसर पर वरिष्ठ न्याययूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायमूर्ति श्री मनोज मिश्रा व अन्य न्यायमूर्तिगण, प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, महाधिवक्ता श्री अजय कुमार मिश्रा, अधिवक्तागण सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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