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Monsoon Session 2022: आज से शुरू हो रहा है संसद मानसून, 18 दिन में 32 बिल लाने की तैयारी में केंद्र

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नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है, 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में संसद की 18 बैठकें होंगी। इस दौरान सरकार 32 बिल सूचीबद्ध करवाए हैं, इनमें से 24 नए बिल होंगे। फिलहाल संसद में 35 बिल पेंडिंग हैं, जिनमें से आठ बिलों को सरकार ने फिर से विचार के लिए लाएगी। संसद का मानसून सत्र इसलिए खास रहने वाला है, क्योंकि 18 जुलाई को ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। 

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संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि 32 में से 14 बिल बिल्कुल तैयार हैं। चार बिल ऐसे हैं जो विचार के लिए स्टैंंडिंग कमेटी के पास भेजे गए थे और उनकी रिपोर्ट भी आ चुकी है। इन बिलों में मैंटीनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस एमेंडमेंट बिल, एंटी मेरीटाइम पायरेसी बिल, नेशनल एंटी डोपिंग बिल और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एमेंडमेंट बिल शामिल हैं। पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस बिल के जरिए सरकार बच्चे, रिश्तेदार व अभिभावकों की परिभाषा में विस्तार करेगी और अभिभावकों को भरणपोषण के लिए दी जाने वाली राशि की ऊपरी सीमा खत्म करेगी। एंटी डोपिंग बिल के जरिए सरकार खेलों में एंटी-डोपिंग गतिविधियों को नियमित करने और नेशनल एंडी डोपिंग एजेंसी को वैधानिक दर्जा प्रदान करेगी। वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन के जरिए कानून के तहत संरक्षित वन्य जीव प्रजातियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

कई महत्वपूर्ण बिल लाने की तैयारी में सरकार
वित्त मंत्रालय ने इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बिल सूचीबद्ध कराया है इसका उद्देश्य सीमा पार दिवालियापन के प्रावधान सहित अनेक संशोधन के साथ इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड को मजबूत करना है। मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही में दो बिल सूचीबद्ध हैं जिनमें एक है फैमिली कोर्ट्स एमेंडमेंट बिल जो 1984 के फैमिली कोर्ट्स बिल में संशोधन के लिए पेश किया जा रहा है जबकि दूसरा बिल है-द इंडियन एंटार्कटिक बिल। जबकि राज्यसभा में पहले दिन ‘द वेपन्स ऑफ मास डेस्ट्रक्शन एंड देयर डिलीवरी सिस्टम बिल’ सूचीबद्ध है।

कॉपरेटिव सोसाइटी में सरकार की भूमिका को युक्तिसंगत बनाने और मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटी के कामकाज को बढ़ाने के लिए सरकार ने मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटी बिल भी सूचीबद्ध कराया है। संविधान संशोधन से संबंधित भी दो बिल प्रस्तावित हैं जिनके जरिए तमिलनाडु व छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति व जनजाति की सूची में संशोधन होना है।

सरकार मानसून सत्र के दौरान रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियोडिकल्स बिल भी ला सकती है जो 1867 के प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट को स्थानांतरित करेगा। 2019 में ही सरकार इस बिल के ड्राफ्ट में इंटरनेट, कंप्यूटर व मोबाइल नेटवर्क जैसे डिजिटल फॉर्मेट में टैक्स्ट, ऑडियो, वीडियो व ग्राफिक्स के रूप में उपलब्ध खबर को ‘न्यूज ऑन डिजिटल मीडिया’ के रूप में परिभाषित किया था। नए बिल के जरिए डिजिटल मीडिया को भी कानून के दायरे में लाने की योजना है।

एंशिएंट मॉन्युमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेन्स बिल भी सूचीबद्ध है, इसमें खासतौर पर उस प्रावधान को हटाया जाएगा जिसके तहत संरक्षित स्मारकों के आसपास 100 मीटर के निषिद्ध क्षेत्र में केंद्र सरकार की ओर से निर्माण की अनुमति दी जाती है। नए संशोधन के जरिए एएसआई को ज्यादा ताकतवर बनाया जाएगा।

तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनीवर्सिटी स्थापित करने और नेशनल रेल ट्रांसपोर्टेशन इंस्टीट्यूट को गति शक्ति विश्वविद्यालय में तब्दील करने के लिए भी दो सेंट्रल यूनीवर्सिटी एमेंडमेंट बिल सूचीबद्ध हैं। आईआईएम बिल में संशोधन के जरिए मुंबई के एनआईटीआईई को आईआईएम-मुंबई का दर्जा देने की योजना है। सरकार डेंटिस्ट्स एक्ट और इंडियन नर्सिंग काउंसिल एक्ट को खत्म करके नेशनल डेंटल कमीशन बिल और नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल पेश कर सकती है।

विपक्ष ने कहा कि हम संसद में सहयोग देंगे लेकिन हमारे मुद्दों पर भी चर्चा हो
रविवार को संसद भवन परिसर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में 36 दल शामिल हुए। अधिकांश विपक्षी दलों ने अग्निपथ योजना पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस ने अग्निपथ, महंगाई, ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग, बढ़ती बेरोजगारी, कश्मीरी पंडित, हेट स्पीच, चीनी घुसपैठ, देश के संघीय ढांचे पर हमले सहित 13 मुद्दों पर चर्चा की मांग की। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष सरकार के संसदीय कामकाज में पूरी तरह से सहयोग देने को तैयार है लेकिन संसद में हमारे मुद्दों पर पर भी चर्चा होनी चाहिए। पर सवाल उठता है कि जब सरकार ही अपनी तरफ से 32 बिल लाएगी तो उन पर और हमारे मुद्दों पर मुश्किल से 14 बैठकों में चर्चा कब हो पाएगी।

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