भारत की नौसेना (Indian Navy) को अब नई ताकत मिल गई है। स्वदेश निर्मित विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत (INS Vikrant) को दो सितंबर को भारतीय नौसेना (Indian Navy) की सेवा में शामिल किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी शामिल हुए और आईएनएस विक्रांत को इंडियन नेवी को सौंपा। INS Vikrant की खास बात ये है कि यह एक स्वदेशी युद्धपोत है। इसे 2009 में बनाना शुरू किया गया था। अब 13 बाद ये नौसेना मिला है।
विक्रांत के भारतीय नौसेना में शामिल होने के साथ, भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के उन चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा, जिनके पास स्वदेशी रूप से एक विमान वाहक डिजाइन और निर्माण करने की क्षमता है।
INS Vikrant क्या है खासियत
- आज हम आपको आईएनएस विक्रांत का मारक क्षमता से परिचित कराते हैं। इसके वजन की बात करें तो यह 45 हजार टन वजनी जहाज है। इसमें चार एफिल टावर के बराबर लोहे का इस्तेमाल किया गया है। इतना ही नहीं इसकी लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है।
- आईएनएस विक्रांत से 32 बराक-8 मिसाइलें दागी जा सकेंगी।
- IAC Vikrant में 30 एयरक्रॉफ्ट तैनात हो सकते हैं। इसके अलावा इससे मिग 29K फाइटर जेट भी उड़ान भरके एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और लैंड अटैक में भूमिका निभा सकता है।
- आईएनएस विक्रांत एक साथ 30 फाइटर प्लेन्स और हेलिकॉप्टर को अपने साथ ले जाने में सक्षम है।
- चार गैस टर्बाइन के जरिए इसे कुल 88 मेगावॉट की ताकत मिलेगी। इस पोत की अधिकतम गति 28 नॉटिकल मील है।
- यह विभिन्न विमानों को संभालने के लिए आधुनिक लॉन्च और रिकवरी सिस्टम से भी लैस है जैसे मिग -29 के लिए लूना लैंडिंग सिस्टम और सी हैरियर के लिए डीएपीएस लैंडिंग सिस्टम।