भारत छोड़ विदेशों में बसने वालों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान सामने आया है। शुक्रवार को विदेश मंत्री ने संसद को जानकारी देते हुए बताया कि इस साल यानी 2023 में ही जून के महीने तक 87,026 भारतीय अपनी नागरिकता छोड़ चुके हैं और विदेशों में जाकर बस गए हैं। एक लिखित जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि साल 2011 से अब तक 17.50 लाख से ज्यादा भारतीय अपनी नागरिकता छोड़ चुके हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि 2022 में 2,25,620, साल 2021 में 1,63,370 और 2020 में 85,256 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी और विदेशों में बस गए। उन्होंने संसद में कहा कि पिछले दो दशकों में वैश्विक कार्यस्थल की तलाश करने वाले भारतीयों की संख्या महत्वपूर्ण रही है। उनमें से कई ने व्यक्तिगत सुविधा के चलते विदेशी नागरिकता लेने के विकल्प को चुना है।
जयशंकर ने कहा- विदेश में मौजूद भारतीय समुदाय हमारी संपत्ति है। हम उनसे बेहतर रिश्ते बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़ने के लिए कई बदलाव लागू किए हैं। प्रभावशाली प्रवासी भारतीय हमारे लिए एसेट हैं और हम उनके जरिए देश के विकास के लिए कदम उठाते रहेंगे।
आपको बतादें वित्त मंत्री ने बताया कि विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय इस देश के लिए एसेट हैं। सरकार ने भारतीय समुदाय से इंगेजमेंट करने के तौर तरीकों में बड़ा परिवर्तन लाया है। सफल, संपन्न और प्रभावशाली भारतीय समुदाय भारत के लिए बेहद मायने रखता है। उन्होंने कहा कि सरकार का अप्रोच इस डायसपोरा के नेटवर्क्स का इस्तेमाल कर भारत को लाभ पहुंचाने का रहा है।
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