Assam : राज्य के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वह वार्ता विरोधी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम गुट का नेतृत्व करने वाले परेश बरुआ के संपर्क में हैं। लेकिन, निकट भविष्य में संगठन के साथ बात-चीत की संभावना नहीं है।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य के राजनीतिक प्रमुख के रूप में उनसे संपर्क करना जारी रखूंगा। मैं आमतौर पर हर तीन या छह महीने में उनसे बात करता हूं। मैं जल्द ही उनसे फिर से बात करने की योजना बना रहा हूं। लेकिन, मुझे उम्मीद नहीं है कि वह तुरंत बातचीत के लिए आएंगे। सीएम ने कहा कि बरुआ के लिए संप्रभुता के मुद्दे को छोड़ना आसान नहीं है। लेकिन, उन्हें यह समझना चाहिए कि असम के लोग अब ऐसा नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह राज्य के लोगों के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन, लोग विकास चाहते हैं न कि स्वतंत्र असम।
सीएम सरमा ने कहा कि उल्फा का मांगपत्र कई दशक पहले तैयार किया गया था और अगर बरुआ आते हैं और 15 दिनों के लिए राज्य में रहते हैं, तो वह मांगों को भी बदल देंगे। क्योंकि, असम अब शांति की भूमि है। उन्होंने कहा कि हमने चर्चा के लिए रास्ते खुले रखे हैं। लेकिन, हमें निकट भविष्य में बात-चीत होती नहीं दिख रही है। यह एक लंबी प्रक्रिया है जो जारी रहेगी। उल्फा के वार्ता समर्थक धड़े के साथ हाल ही में हुए त्रिपक्षीय समझौते पर सरमा ने कहा कि समझौते ने एक झटके में राज्य के मूल निवासियों के राजनीतिक और भूमि अधिकारों को स्थापित किया है, जिन्हें आने वाले लंबे समय तक बाधित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वार्ता समर्थक धड़े के नेता पिछले 14 साल से सार्वजनिक जीवन में नहीं थे।
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