पंकज चौधरी
चंडीगढ़: पंजाब राज्य में अगर पठन – पाठन करना है तो पंजाबी अनिवार्य रूप से पढ़ना होगा। इस बाबत राज्य सरकार ने पंजाब में अब पहली कक्षा से 10वीं कक्षा तक पंजाबी को अनिवार्य विषय घोषित कर दिया है। सरकारी कार्यालयों में भी पंजाबी भाषा को अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि इस कानून का उल्लंघन करने पर स्कूलों पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। राज्य के सभी बोर्डों के ऊपर भी पंजाबी भाषा में ही लिखा जाएगा।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज ट्वीट जारी कर कहा – “ अपनी मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए पंजाब में कक्षा एक से दसवीं तक के सभी छात्रों के लिए पंजाबी अनिवार्य विषय बना दिया गया है। उल्लंघन करने पर स्कूलों पर 2 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। अब, कार्यालयों में पंजाबी अनिवार्य है। साथ ही राज्य के सभी बोर्डों के ऊपर पंजाबी लिखा जाएगा।“
उच्च शिक्षा एवं भाषा मंत्री परगट सिंह ने विधानसभा में पंजाबी भाषा से संबंधित दो अहम बिल पारित करवाए। पंजाबी और अन्य भाषाएं शिक्षा (संशोधन) बिल 2021 पारित होने से अब राज्य भर के स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक सभी विद्यार्थियों के लिए पंजाबी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाना होगा।
दूसरा बिल पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) बिल-2021 पास किया गया, जिसके अंतर्गत सरकारी कामकाज पंजाबी भाषा में न करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध सजा के अलावा जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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