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पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, ईंट-भट्ठों में ईंधन के रूप में 20 प्रतिशत पराली का प्रयोग होगा अनिवार्य

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Punjab: धान की पराली के प्रबंधन के लिए लगातार प्रयास कर रही राज्य सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने राज्यभर में ईंटों के भट्ठों के लिए ईंधन के रूप में पराली को 20 प्रतिशत अनिवार्य बनाने का फ़ैसला किया है।

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पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देश के अंतर्गत राज्य सरकार ने रविवार को अधिसूचना जारी की है कि ईंट के भट्ठों में पराली के गट्ठों को 20 प्रतिशत ईंधन के रूप में अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें। इस नए प्रबंधन की तैयारी के लिए भठ्ठों के मालिकों को करीब छह महीने का समय दिया गया है। एक मई, 2023 के बाद इन हिदायतों को लागू न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मीत हेयर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की पराली प्रबंधन में मदद करने और पराली को जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए इन सीटू और एक्स सीटू काम किए जा रहे हैं। इन सीटू में जहां पंजाब के किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सवा लाख के करीब मशीनें सब्सिडी पर मुहैया करवाई गईं, वहीं एक्स सीटू के अंतर्गत उद्योगों को पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। पराली से सी.एन.जी., बिजली और अन्य ऊर्जा संसाधन पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आगे मीत हेयर ने कहा कि नए फ़ैसले के अंतर्गत ईंटों के भट्ठों में पराली के ईंधन के रूप में 20 प्रतिशत प्रयोग से पराली के प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी पराली बेचकर आर्थिक मदद भी मिलेगी।

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