CJI चंद्रचूड़ ने किया दिवंगत पत्नी को याद, कहा कि ऐसा पति खोजिए जो घर के काम कर सके

CJI चंद्रचूड़ ने किया दिवंगत पत्नी को याद, कहा कि ऐसा पति खोजिए जो घर के काम कर सके

CJI चंद्रचूड़ ने किया दिवंगत पत्नी को याद, कहा कि ऐसा पति खोजिए जो घर के काम कर सके

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को एक कार्यक्रम में अपनी दिवंगत पूर्व पत्नी को याद किया और उनसे संबंधित एक कहानी सुनाई। सीजेआई ने कहा कि मेरी दिवंगत पूर्व पत्नी एक वकील थी। जब वह लॉ फर्म में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने पहुंचीं, तो मेरी पत्नी को साफ तौर पर कहा गया था कि परिवार के साथ वक्त बिताने का समय नहीं मिलेगा, उन्हें ऐसा पति ढूंढना होगा जो घर का काम कर सके। उन्होंने बताया कि काम के घंटे निर्धारित नहीं थे। 24 घंटे 7 दिन और 365 दिन काम करना होगा।

शनिवार को बेंगलुरु में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के 31वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने भाषण दिया। सीजेआई ने बताया कि मेरी पूर्व पत्नी का देहांत हो चुका है। CJI चंद्रचूड़ के जज बनने के बाद उनकी पत्नी ने लिटिगेशन वकील के रूप में प्रैक्टिस छोड़ दी थी, बाद में वह एक लॉ फर्म में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गई थी। वहां उन्हें साफ तौर कहा गया था कि उन्हें परिवार के साथ समय बिताने को नहीं मिलेगा।

महिलाएं मासिक धर्म में घर से काम कर सकें

सीजेआई ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थानों में महिलाओं की समस्याओं पर खुलकर बातचीत करना महत्वपूर्ण है। सीजेआई ने बदलाव में अपने योगदान की व्यापक चर्चा की। उनका कहना है कि वे महिला कानून क्लर्कों को मासिक धर्म से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं पर घर से काम करने की अनुमति देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल पांच में से चार लॉ क्लर्क महिलाएं थी। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को घर से काम करने की अनुमति दी गई क्योंकि स्वास्थ्य सर्वोपरि है। सीजेआई ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं के शौचालयों में सैनिटरी नैपकिन डिस्पेंसर बनाए गए हैं। सीजेआई ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बातचीत होनी ही चाहिए, अगर हमने अपने संस्थानों को समान अवसर वाला कार्यस्थल बनाया है।’

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